‘औरंगजेब ने जिस काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त किया, उसका PM मोदी ने कराया जीर्णोद्धार’
अहमदाबाद में बोले गृह मंत्री अमित शाह
नई दिल्ली/दी११-केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को अहमदाबाद कहा कि हिंदू समुदाय के आस्था के केंद्रों को कई सालों तक अपमानित किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 2014 में सत्ता में आने तक किसी ने भी इनका गौरव बहाल करने की परवाह नहीं की. मोदी सरकार अब ऐसे स्थलों के जीर्णोद्धार के लिए ‘निडरता से’ काम कर रही है. उन्होंने कहा कि पहले लोग मंदिरों में जाने से कतराते थे, लेकिन मोदी सरकार के साथ एक नए युग की शुरुआत हुई.
शाह यहां कडवा पाटीदार सम्प्रदाय की देवी ‘मां उमिया’ को समर्पित उमियाधाम मंदिर के शिलान्यास समारोह में बोल रहे थे. यह मंदिर एवं अन्य भवन 74 हजार वर्ग गज जमीन पर 1500 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे हैं. उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘कई वर्षों तक, हिंदू समुदाय के आस्था के केंद्रों को अपमानित किया गया, और जब तक मोदी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र में सत्ता में नहीं आयी, तब तक किसी ने भी गौरव बहाल करने की पहल नहीं की.’
‘निडर होकर किया काम’
शाह ने कहा, ‘आज जब एक भव्य मंदिर का शिलान्यास आर्य समाजी (गुजरात के राज्यपाल) आचार्य देवव्रत द्वारा किया जा रहा है, ऐसे मौके पर मैं यह कहना चाहूंगा कि मोदीजी ने हमारे आस्था और विश्वास के भूले-बिसरे केंद्रों के जीर्णोद्धार के लिए निडर होकर और विश्वास एवं सम्मान के साथ काम किया है.”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया और 2013 में अचानक आई बाढ़ से तबाह केदारनाथ मंदिर क्षेत्र में करोड़ों हिंदुओं के विश्वास के केंद्र को पुनरूद्धार किया. उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई के हाथ से 13 दिसम्बर को काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार होते देखेंगे, जिसे औरंगजेब के जमाने में ध्वस्त कर दिया गया था.’’
पाटीदार समुदाय की तारीफ की
शाह ने कहा कि मंदिर न केवल धार्मिक आस्था के केंद्र रहे हैं, बल्कि वे जीवन से निराश लोगों के लिए अपनी कठिनाइयों को दूर करने और आगे बढ़ने के लिए समाज सेवा और ऊर्जा के केंद्र भी हैं. इस मौके पर भाजपा नेता ने पाटीदार समुदाय की तारीफ करते हुए कहा कि गुजरात और देश के उत्थान का इतिहास इस समुदाय से जुड़ा है.
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, राज्यपाल आचार्य देवव्रत और अन्य ने तीन-दिवसीय शिलान्यास समारोह के पहले दिन के कार्यक्रम में हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री मोदी 13 दिसंबर को आभासी माध्यम से शिलान्यास समारोह में शामिल होंगे.