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बालभारती की किताबों की बिक्री ५० फीसदी तक घटी

हुबहु दिखने वाली किताबोें और पीडीएफ से पडा असर

हिं.स./दि.१२

मुंबई – बालभारती के १२ वीं की किताबों की बिक्री इस बार ५० फीसदी से घट गई है. बालभारती के किताबों के समान हुबहु दिखने वाली नकली पुस्तकों की बिक्री और किताबों की पीडीएफ डाउनलोड करने का प्रमाण बढने से इसका असर बालभारती पर हुआ है. यहां बता दें कि, इस बार १२ वीं के पाठ्यक्रम में बदलाव हुआ है. कोरोना महामारी के दौर में भी बालभारती के कर्मचारी, शैक्षणिक, तकनीकी विभाग के अधिकारियों ने परिश्रम कर बाजार में किताबें उपलब्ध करायी है. जिससे किताबों का इंतजार कर रहे १२ वीं के छात्रों को राहत मिली है. जून के अंत में बालभारती की किताबें उपलब्ध करायी गई. बीते वर्ष ११ वीं की किताबें बदली गई. इस समय सभी विषयों की किताबों को मिलाकर ४८ लाख प्रतियां भेजी गई. यही विद्यार्थी कक्षा १२ वीं में पहुंचे है. कक्षा ११ वीं से ज्यादा १२ वीं की किताबों की बिक्री बडे पैमाने पर होती है. लेकिन इस बार १२ वीं की नई किताबों की अब तक ३८ लाख प्रतियां ही बेची गई है. अनेक जिलों में बालभारती के हुबहु किताबों की बिक्री किए जाने से बालभारती की किताबों की खपत कम हुई है.

  • ऑनलाइन किताबों का चलन बढा

बालभारती की ओर से बीते कुछ वर्षो से पाठ्यपुस्तकें तैयार करने का काम किया जाता है. बालभारती की ओर से पीडीएफ भी वेबसाइड पर उपलब्ध कराया जाता है. इस बार भी पाठ्यपुस्तक उपलब्ध करायी गई है. कोरोना महामारी के चलते पीडीएफ तौर पर उपलब्ध किताबों को पढने का प्रमाण बढ गया है. बावजूद इसके किताबें उपलब्ध होने के बाद भी अभिभावक और छात्र प्रत्यक्ष तौर पर छापील प्रतियों को खरीदने पर ज्यादा ध्यान दें रहे है. इसलिए किताबों की बिक्री में फर्क पडने पर भी वह १० से १५ फीसदी ही हो सकता है.

  • कक्षा १२ वीं की किताबें बाजार में उपलब्ध है. लेकिन इसी दौर में मराठवाडा के कुछ जिलों में हुबहु नकली किताबें बाजार में उपलब्ध होने की जानकारी बालभारती के सूत्रो से प्राप्त हुई है. पता चला है कि विक्रेताओं को प्रकाशक की ओर से ज्यादा मुआवजा मिल रहा है. जिससे विक्रेता भी नकली किताबें बेंच रहे है.
  • पुलिस में शिकायत

नकली किताबें बेचे जाने का मामला बीते माह सामने आया है. कुछ ग्राहक संगठनाओं और पालकों ने इस संदर्भ में बालभारती के पास शिकायत दर्ज करायी है. बालभारती के मराठवाडा के भंडार की ओर से इस बारे में मुख्यकार्यालय को पत्र लिखकर पुलिस शिकायत दर्ज कराकर नहीं लेने की जानकारी ली थी. इसके अलावा इस संबंध में जांच करने के लिए दस्तावेजों की पहचान रहने वाले निर्मिती विभाग के अधिकारी, विधि अधिकारी को भेजने की बिनती की गई थी.

  • विज्ञान शाखा के रसायनशास्त्र, भौतिक शास्त्र, जीव शास्त्र इन विषयोंं की नकली किताबें प्राप्त होने की शिकायतें मंडल के पास आयी थी. इसके अनुसार पुलिस को पत्र दिया गया है. बिक्री कम होने के लिए हाल की स्थिती भी कुछ हद तक जिम्मेदार है.

– विवेक गोसावी, प्रभारी संचालक बालभारती

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