प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध
देशांतर्गत दरवृद्धि रोकने हेतु सरकार ने किया नीति में संशोधन
* 31 मार्च तक नया निर्णय लागू रहेगा
नई दिल्ली/दि.9 – देश में प्याज की उपलब्धता बढे तथा प्याज के दामों पर नियंत्रण रहे, इस बात के मद्देनजर केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह निर्यातबंदी 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगी. विदेश व्यापार महासंचालक कार्यालय (डीजीएफई) में गत रोज एक अधिसूचना जारी करते हुए यह जानकारी दी.
उल्लेखनीय है कि, देश में कई स्थानों पर बाजार में प्याज के दाम 70 से 80 रुपए प्रति किलो की दर पर जा पहुंचे है. इस बार के खरीफ सीजन में पर्याप्त उपज नहीं होने के चलते बाजार में प्याज की आवक काफी घट गई है. जिसके चलते प्याज के दाम अनियंत्रित होने लगे है. ऐसे में दरवृद्धि को नियंत्रित रखने हेतु केंद्र सरकार द्वारा इससे पहले भी कई उपाय घोषित किए गए है और अब इन्हीं उपायों के तहत प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लेते हुए निर्यात संबंधि नीतियों में संशोधन किया गया है. जिसके तहत 31 मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध रहेगा.
हलांकि इसे लेकर जारी अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि, कुछ देशों की अपील पर विचार करते हुए केंद्र सरकार द्वारा संबंधित देशों के लिए इस नीति को अपवादात्मक रखा जा सकता है. साथ ही इस अधिसूचना के जारी होने से पहले निर्यात हेतु रवाना हो चुके प्याज के स्टॉक पर यह प्रतिबंध लागू नहीं रहेगा.
* 3 माह में केंद्र के तीन निर्णय
– केंद्र सरकार द्वारा फूटकर बाजार में प्याज के आरक्षित स्टॉक को विक्री हेतु खोला गया और इस प्याज की 25 रुपए प्रतिकिलो की दर पर विक्री की गई.
– 1 अगस्त से 31 दिसंबर की कालावधि दौरान प्याज की निर्यात पर 40 फीसद निर्यात शुल्क लागू किया गया.
– केंद्र द्वारा 28 अक्तूबर से 31 दिसंबर तक की कालावधि के दौरान प्याज के निर्यात हेतु प्रतिटन 800 अमरीकी डॉलर का दर निश्चित किया गया.
* नाशिक जिले के प्याज उत्पादक हुए संतप्त
केंद्र सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाते ही प्याज के उत्पादन हेतु विख्यात रहने वाले नाशिक जिले में जगह-जगह पर प्याज उत्पादक किसानों ने संतप्त होकर इस फैसले के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया है. इसके तहत लासलगांव, पिंपलगांव, चांदवट, नांदगांव, डिंदोली, येवला, उमराणे, मणमाड व सिन्नर में किसानों ने निलामी बंद करवा दी. इसके अलावा इन सभी स्थानों के साथ ही मुंगसे, झोडगे, वणी, कलवन, निफाड व देवला में किसानों ने रास्ता रोको आंदोलन किया. इसके अलावा सटाना में बाजार समिति के कार्यालय पर ताला ठोक दिया गया.