मध्यप्रदेश में बनाया जाता है प्रकल्प
मुरैना (मध्यप्रदेश)/दि.12-अनेक बीमारियों पर महत्वपूर्ण माना जाने वाला मधुमक्खी का डंक अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम बेचा जा रहा है. मधुमक्खी का दंश कई बार जानलेवा साबित होता है. लेकिन यहीं डंक किसानों को मालामाल बनाने में सहायक साबित हो रहा है. मध्यप्रदेश के मुरैना में डंक पर प्रक्रिया करने वाला प्रकल्प बनाया जा रहा है. इस डंक से किसानों को प्रतिकिलो 70 लाख की भारी कमाई होने की संभावना है.
मधुमक्खी पालन का लाभ फिलहाल किसानों तक पहुंचने लगा है. जिसमें से किसानों को अच्छी कमाई भी हो रही है. इससे अब कमाई का और एक व्यवसाय शुरु किया जा सकेगा. मधुमक्खी का डंक निकालकर उसे बेचकर किसान अच्छी रकम प्राप्त कर सकेगा. मुरैना के महात्मा गांधी सेवा आश्रम में 4 करोड़ रुपए खर्च कर इस संबंधी यंत्र सामग्री लगाई गई है. वहां पर शहद की गुणवत्ता की जांच की जाएगी.पश्चात उसकी पैकिंग कर विक्री के लिए संबंधित शहरों में भेजा जाएगा. फिलहाल इस युनिट की क्षमता डेढ़ टन रखी गई है. किसानों को इस केंद्र में मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा. दूसरा महत्वपूर्ण भाग यानि इस केंद्र में मधुमक्कखी का डंक निकालने हेतु अलग विभाग शुरु किया गया है. मधुमक्खी के डंक को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अच्छी मांग है. करीबन 70 लाख रुपए प्रति किलो दाम से मधुमक्खी का डंक बेचा जाता है. डंक निकालने के बाद उसकी जान को धोका नहीं रहता. इसलिए यह तरीका किसानों ेके लिए फायदेमंद साबित होगा.
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में करोड़ो की उड़ानें
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 2022 में मधुमक्खी के डंक ने कुल 2 हजार 588 करोड़ 82 लाख 74 हजार रुपए की उहापोह की. आगामी 10 वर्ष में यही आकड़ा 4 हजार 433 करोड़ 48 लाख 64 हजार रुपए तक पहुंचने की संभावना है. मधुमक्खी के डंक में औषधी गुणधर्म होते हैं. अथ्राटिस, सोयरॅसिस, नसों में दर्द, त्वचा की बीमारी, त्वचा का कैंसर आदि रोगों पर इस डंक से बनाई गई दवा असरकारक होती है. मधुमक्खी के 10 हजार डंक से एक ग्राम जहर निकाला जा सकता है. मधुमक्खी का विष सोने के दाम से बेचा जाता है.