पापा पर विश्वास करना 12 साल के मासूम और उसके परिवार पर भारी पड़ा
नाराज शख्स ने बीवी, सास सहित 3 को मार डाला
नई दिल्ली/दि. 22 – दिल्ली से सटे हरियाणा राज्य के फरीदाबाद जिले के धौज थाना क्षेत्र में गुरुवार तड़के (गुरुवार-शुक्रवार की रात) एक युवक ने साथी के साथ मिलकर पत्नी, सास, साले और उसके दोस्त को गोली मार दी. गोलीबारी की इस घटना में दो महिलाओं सहित तीन लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में मुख्य आरोपी की पत्नी, सास और साले का दोस्त हैं.
हमलावर की पत्नी के भाई (रिश्ते में हमलावर के साले) को जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया. क्राइम ब्रांच ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हथियार, चाकू और मोटरसाइकिल बरामद कर लिए हैं. आरोपी और मुख्य षडयंत्रकारी नीरज को पत्नी आयशा के चरित्र पर शक था. इस तिहरे हत्याकांड की एक वजह मुख्य षडयंत्रकारी का अपनी पत्नी के भाई गगन से 10 लाख रुपए के लेनदेन का भी पता चल रहा है. पुलिस ने गगन की शिकायत पर धौज थाने में हत्या, हत्या की कोशिश, शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है. तिहरे हत्याकांड के चश्मदीद और ज़ख्मी होने वाले गगन ने पुलिस को आंखों देखा घटनाक्रम बयां किया था. यह परिवार मूलत: हरियाणा राज्य के ही पानीपत स्थित समालखा का रहने वाला है. फरीदाबाद पुलिस के मुताबिक शिकायतकर्ता गगन ने बताया कि उसके परिवार ने बहन आयशा की शादी अब से करीब 13-14 साल पहले एनआइटी-एक निवासी नीरज चावला से की थी.
शादी के बाद से ही आरोपी नीरज, पत्नी के चरित्र पर भी शक करता था. इसी के चलते दंपत्ति में अक्सर झगड़ा होता था. बीते करीब एक साल से आयशा मायके में ही जाकर रहने लगी थी. उसके साथ उसका 12 साल का बेटा भी जाकर रहने लगा था. इस बात से भी आरोपी नीरज चावला चिढ़ा हुआ था. मामले की तफ्तीश में जुटी फरीदाबाद पुलिस के मुताबिक, गुरुवार की रात खाना खाकर आयशा और सुमन (बेटी-मां) नीचे कमरे में सोने चली गईं. आयशा का भाई गगन अपने दोस्त राजन और 12 वर्षीय भांजे (गोलीकांड में मरने वाली आयशा के बेटे) के साथ ऊपर कमरे में सोने चला गया.
गुरुवार-शुक्रवार को रात करीब तीन बजे (शुक्रवार 22 अक्टूबर 2021 तड़के ) गगन ने घर में गोली चलने की आवाज सुनी. गगन ने देखा कि उसका बहनोई (बहन आयशा का पति) नीरज चावला साथ पहुंचे दोस्त लेखराज संग, उसके (गगन के) दोस्त राजन को गोली मार रहे थे. हथियारबंद दोनों हमलावरों की नजर जैसे ही गगन पड़ी वैसे ही वो अपनी जान बचाने को भाग खड़ा हुआ. उसी वक्त पीछे से हमलावरों ने गगन की कमर में गोली मार दी. इसके बाद नीरज चावला और उसके साथ पहुंचे हथियारबंद दूसरे हमलावर लेखराज ने पहले तो आयशा और उसकी मां सुमन के ऊपर गोलियां दागी. उसके बाद उन दोनों को चाकू से गोद भी डाला. फरीदाबाद पुलिस से हासिल जानकारी के मुताबिक, ससुराल के दरवाजे पर पहुंचे नीरज चावला ने घर के अंदर सो रहे अपने 12 साल के बेटे को मोबाइल कॉल की थी. उसने बेटे से कहा कि वो (मुख्य षडयंत्रकारी यानी बच्चे का पिता) घर के दरवाजे पर खड़ा है. वो उससे (पिता नीरज चावला बेटे से) मिलने आया है. बेटे ने आधी रात के बाद ढाई बजे पहुंचने की वजह पूछी तो पिता ने बात को टाल दिया और फिर बोला कि मैं तुमसे मिलकर चला जाऊंगा. लिहाजा पिता के दिमाग में पहले से रचे खूनी षडयंत्र से अनजान 12 साल के बेटे ने पिता को दरवाजा खोलकर घर के भीतर बुला लिया. घर के अंदर घुसते ही आरोपी सबसे पहले मकान की पहली मंजिल पर पहुंचे. जहां नीरज चावला का साला गगन अपने दोस्त राजन और भांजे के साथ सो रहा था. वहां राजन और गगन को हत्यारोपियों ने पहले गोली मारी. उसके बाद वे दोनो भूतल पर पहुंच गए. भूतल पर नीरज और उसके साथ मौजूद दूसरे हमलावर ने आयशा और उसकी मां को गोली मार दी. मासूम बच्चे ने मौत के उस तांडव में अपनी जान एक कोने में किसी तरह से छिपकर बचाई.