चेन्नई/दि. ८ – हाल ही में बुवेरी और निवार तूफान ने दक्षिण भारत के कई हिस्सों में भयंकर तबाही मचाई. हालांकि, तमिलनाडु के कई इलाके अभी इस तबाही से नहीं उबर चुके हैं. ऐसा ही हाल चेन्नई के आईटी कॉरिडोर का है. यहां जलजमाव की वजह से 5 हजार स्थानीय लोग फंस गए हैं. आलम यह है कि इन्हें सामान्य आवाजाही के लिए भी ट्रक की मदद लेनी पड़ रही है.
दो तूफानों की वजह से बीते दो हफ्तों से जारी भारी बारिश का असर 3 किमी तक फैला है. पानी घरों में घुस गया है और गाडिय़ां डूब गई हैं. झीलों में पानी के ओवरफ्लो और तूफान से आए पानी की निकासी नहीं होने से रहवासियों की परेशानियों में इजाफा हुआ है. यहां करीब 5 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. थलंबुर और सीमांचरी में कुछ लोगों ने एक ट्रक किराये पर लिया है, जिसकी मदद से ही कहीं जाना मुमकिन हो पाया है. यहां के निवासी इस जलजमाव की वजह से काफी परेशानियों से जूझ रहे हैं. ट्रक के ऊपर से देखने पर इलाका समुद्र की तरह लगता है, जहां से वाहन लहरों के बीच अपनी जगह बनाते हुए निकल रहे हैं.
यहां रहने वाली एक आईटी प्रोफेशनल बरानी ने हाल ही में घुटनों की सर्जरी कराई है. इसके बावजूद उन्हें ट्रक पर सीढ़ी की मदद से चढऩा पड़ता है.
तैर कर जाते हैं सामान लेने
ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के तहत आने वाले सीमांचरी में लक्ष्मी और कौशल्या रहती हैं. दोनों घरेलू काम करती हैं. खास बात है कि दोनों काम पर जाने के लिए 6 किमी तक पानी में जाती हैं. लक्ष्मी बताती हैं, हमें दूध का पैकेट के लेने के लिए तीन घंटों तक तैरना पड़ता है. कोई भी अधिकारी यह देखने नहीं आया कि हम जिंदा हैं या नहीं. वहीं, कौशल्या का कहना है, हमने सरकार से केवल इसे सुधारने के लिए कहा था. इसके बाद बाकी चीजों का ध्यान हम रख लेंगे. हम काम करेंगे तो ही परिवार को पाल पाएंगे.