नई दिल्ली/दि.३ – भारत बॉयोटेक ने तीसरे चरण के आंकड़े जारी किए हैं. कंपनी ने 81 फीसदी एफिकेसी (प्रभावशीलता) का दावा किया है. कंपनी के मुताबिक, 25800 पार्टिसिपेंट्स को तीसरे फेज में शामिल किया गया था. 43 केस के अंतरिम डेटा पर ये देखा गया कि 36 केस में को वैक्सीन, 7 केस में प्लेसिबो पड़ा था.आंकड़े देखने के बाद यह पाया गया है कि कोरोना को काबू करने में को-वैक्सीन 80.6 फीसदी कारगर है.
हैदराबाद स्थित प्रसिद्ध टीका निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने कहा है कि कोरोना वायरस टीके की पहली खुराक लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है और उनके इस कदम से महामारी के खिलाफ चल रहे टीकाकरण अभियान को बढ़ावा मिलेगा. गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण रोधी टीकाकरण का दूसरा चरण एक मार्च से देश भर में सोमवार को शुरू हो गया, इस दौरान 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों को तथा किसी पुरानी बीमारी से ग्रसित 45-59 साल के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी. दूसरे चरण के पहले दिन प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था (एम्स) पहुंच कर कोवैक्सीन की पहली खुराक ली,इसे भारत बायोटेक ने विकसित किया है। पहले ही दिन टीके की खुराक लेने के लिये प्रधानमंत्री की सराहना करते हुये भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कृष्णा इला ने कोवैक्सीन में भरोसा जताने के लिये मोदी का आभार जताया.
कोरोना महामारी के बीच भारत के औषधि नियामक, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने देश में दो टीकों के उपयोग को मंजूरी दी है. ष्ठष्टढ्ढ ने जिन दो टीकों के सीमित आपात उपयोग की मंजूरी दी गई है, उनमें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका के द्वारा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ मिलकर तैयार कोविशील्ड तथा घरेलू दवा कंपनी भारत बायोटेक के द्वारा विकसित पूर्णतर् स्वदेशी कोवैक्सीन शामिल है. भारत में कोरोना टीकाकरण के पहले चरण के तहत हेल्थ वर्कस और फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना का टीका लगाया गया था. सोमवार से शुरू हुए दूसरे चरण में 60 साल से अधिक के बुजुर्ग और गंभीर रूप से बीमारी वाले 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है.