सुप्रीम कोर्ट से अजीत पवार गुट को बडा झटका
शरद पवार के फोटो उपयोग में लाने पर पाबंदी
* घडी की बजाय कोई अन्य चुनाव चिन्ह लेने की भी सलाह
नई दिल्ली/दि.14– इस समय शिवसेना की तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में भी दो गुटों के बीच पार्टी के नाम और पार्टी के चुनावी चिन्ह को लेकर कानूनी लडाई चल रही है. इस संदर्भ में शरद पवार गुट की ओर से दाखिल याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस समय सुप्रीम कोर्ट ने अजीत पवार गुट से सीधा सवाल करते हुए पार्टी के प्रचार बैनर पर दूसरे गुट के मुखिया रहने वाले शरद पवार के फोटो लगाये जाने को लेकर जवाब पूछा. साथ ही शरद पवार गुट की ओर से उठाई गई आपत्तियों को मान्य करते हुए अदालत ने अजीत पवार गुट को आगे से अपने बैनर व पोस्टर पर शरद पवार की तस्वीरों का प्रयोग नहीं करने का आदेश दिया.
न्या. सुर्यकांत व न्या. के. वी. विश्वनाथन की दो सदस्यीय खंडपीठ ने अजीत पवार गुट को सपाट लहजे में कहा कि, आपने एक-दूसरे से अलग होने का निर्णय खुद अपनी मर्जी से लिया है, तो आप उनके (शरद पवार) फोटो का प्रयोग क्यों कर रहे है. यदि आपका खुद पर विश्वास है, तो आपने खुद अपने नेताओं की तस्वीरों का प्रयोग करते हुए अपना प्रचार करना चाहिए. इस समय अजीत पवार गुट की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी के युक्तिवाद को भी खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि, यदि आपके कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर किसी अन्य गुट के नेता की तस्वीरों का प्रयोग करते हुए फोटो या पोस्ट डालते है, तो इसके लिए भी आपको ही जिम्मेदार माना जाएगा. अत: आपने अपने कार्यकर्ताओं को पर भी नियंत्रण रखना चाहिए.
इसके साथ ही अजीत पवार गुट द्वारा घडी चुनाव चिन्ह का प्रयोग किये जाने को लेकर भी अपने विचार व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सलाह दी कि, अजीत पवार गुट ने घडी चुनाव चिन्ह की बजाय अन्य किसी चुनाव चिन्ह को खुद के लिए चुनना चाहिए. क्योंकि निर्वाचन आयोग द्वारा दिये गये आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका सुनवाई हेतु आयी है. ऐसे में यदि अदालत ने ऐन चुनावी मुहाने पर निर्वाचन आयोग के फैसले को रद्द करते हुए कोई नया आदेश जारी किया, तो अजीत पवार गुट उस समय चुनावी चिन्ह को लेकर मुश्किल में आ सकता है. अत: अजीत पवार गुट ने भी कोई अलग चुनावी चिन्ह लेकर चुनाव लडना चाहिए, ताकि अदालत के फैसले का उन पर कोई परिणाम न पडे.