नई दिल्ली/दि. 30 – केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने रविवार को देश के करोड़ों कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया. जो कर्मचारी ईपीएफओ और ईएसआईसी के तहत आते हैं, उन्हें कोरोना महामारी को देखते हुए कुछ अतिरिक्त सुविधाएं दी जाएंगी. ये सुविधाएं सामाजिक सुरक्षा के तहत दी जाएंगी. जो कर्मचारी इंप्लॉई स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (ESIC) के अंतर्गत आते हैं, उनके डिपेंडेट या उनके आश्रितों को भी पेंशन दी जाएगी. अगर किसी ईएसआईसी से इंस्योर्ड कर्मचारी की मृत्यु कोरोना महामारी के चलते होती है तो उसके आश्रित को पेंशन दी जाएगी. वह कर्मचारी जिस कंपनी में ईपीएफओ के तहत इंप्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (EDLI) से जुड़ा होगा, उसके सम एस्योर्ड को 6 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है. श्रम मंत्रालय की तरफ से रविवार को यह आदेश जारी किया गया है. कोरोना महामारी को देखते हुए यह कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की बात बताई जा रही है.
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बिना किसी शुल्क के मिलेंगी ज्यादा सुविधाएं
समाचार एजेंसी PTI ने श्रम मंत्रालय के एक बयान के हवाले से लिखा है, श्रम मंत्रालय ने कोरोना महामारी के दौरान कर्मचारियों की चिंता और भय के माहौल को देखते हुए कई अतिरिक्त सुविधाओं का ऐलान किया है. ये सुविधाएं ईएसआईसी और ईपीएफओ के अंतर्गत दी जाएंगी. कोरोना के चलते कर्मचारियों की मृत्यु होने पर उनके परिवार और सदस्यों का खयाल रखा जा सके, इसके लिए ये कदम उठाए गए हैं. मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जो भी अतिरिक्त सुविधाएं मिलेंगी, उसके लिए कर्मचारियों को अलग से शुल्क नहीं चुकाना होगा.
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नियम में बदलाव
ईएसआईसी के तहत काम इंश्योर्ड कर्मचारियों के लिए अभी तक पेंशन का निमय कुछ और था. अभी तक आश्रित को तभी पेंशन मिल पाती है जब ईएसआईसी के इंश्योर्ड कर्मचारी (IP) की काम के दौरान मृत्यु हो जाती है या कोई बड़ी दुर्घटना हो जाती है. नियम के मुताबिक डेली वेज के 90 फीसद के आधार पर जो पेंशन बनती है, वह कर्मचारी की पत्नी और विधवा मां को दी जाती है. यह पेंशन पूरी जिंदगी दी जाती है. यह पेंशन बच्चों को भी मिलती है जब तक वे 25 साल के नहीं हो जाते हैं. कर्मचारी की कोई बेटी है तो उसकी शादी तक पेंशन की सुविधा मिलती है. अब इस नियम में कोरोना महामारी से हुई मृत्यु के प्रावधान को भी जोड़ दिया गया है.
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किस कर्मचारी को मिलेगा फायदा
ईएसआईसी से जुड़े कर्मचारियों के लिए श्रम मंत्रालय ने बड़ी पहल की है. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि कर्मचारी के सभी आश्रित जिनका नाम कर्मचारी के कोरोना बीमारी की चपेट में आने और इसका इलाज शुरू होने से पहले ईएसआईसी से ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज है, उन्हें पेंशन के नए नियम के तहत पेंशन की सभी सुविधाएं दी जाएंगी. ये सुविधाएं कर्मचारी की मृत्यु के बाद शुरू हो जाएंगी. ये सुविधाएं वैसी ही होंगी जैसी काम के दौरान किसी कर्मचारी की मृत्यु के बाद दी जाती हैं. इसके लिए दो शर्तें रखी गई हैं. पहला, ईएसआईसी का कर्मचारी ऑनलाइन पोर्टल पर कम से कम तीन महीने से रजिस्टर्ड होना चाहिए. रजिस्ट्रेशन की अवधि कोरोना पॉजिटव होने और इलाज के दौरान मृत्यु से 3 महीने पहले की निर्धारित की गई है. दूसरा, कर्मचारी को नियोक्ता की तरफ से कम से कम 78 दिन तक मेहनताना और ईएआई के अंशदान का फायदा मिला हो. 24 मार्च, 2020 से इस सुविधा को प्रभावी कर दिया गया है जो अगले 2 साल तक जारी रहेगी.
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ठेके के कर्मचारियों को भी लाभ
ईएसआईसी की तरह ईपीएओ भी अपने सदस्यों को खास सुविधा दे रहा है. ईडीएलआई से जुड़े किसी कर्मचारी की कोरोना से मौत होने पर उसके सभी आश्रितों को ईडीएलआई की सुविधाएं दी जाएंगी. अभी तक नियम यह है कि ईपीएफ और एमपी एक्ट के तहत कर्मचारी की मृत्यु होने पर आश्रितों को पेंशन की सुविधा दी जाती है. ईडीएलआई के अंतर्गत पहले कर्मचारी के आश्रितों को 6 लाख बीमा का लाभ मिलता था जिसे बढ़ाकर 7 लाख कर दिया गया है. अगर कर्मचारी ने किसी कंपनी में लगातार 12 महीने काम किया है तो उसकी मृत्यु के बाद उसके परिवार के सदस्यों को 2.5 लाख रुपये का बीमा मिलता है. 1 साल के इस नियम के चलते कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाले या कैजुअल श्रमिकों को 2.5 लाख की इस बीमा सुविधा का लाभ नहीं मिल पाता था. अब वे भी इस बीमा के हकदार होंगे.