बिलकिस गैंगरेप, 11 दोषी फिर जेल जाएंगे
सुप्रीम कोर्ट बोला- गुजरात सरकार ने सत्ता का दुरुपयोग किया
* 2 हफ्ते में सरेंडर करें,पीड़ित के घर जश्न
दिल्ली/दि-8– गुजरात में 2002 दंगों के दौरान बिलकिस बानो गैंगरेप के 11 दोषियों को समय से पहले जेल से रिहा करने के राज्य सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि सजा अपराध रोकने के लिए दी जाती है. पीड़ित की तकलीफ की भी चिंता करनी होगी.
बेंच ने कहा कि गुजरात सरकार को रिहाई का फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है. उसने अपनी सत्ता और ताकत का दुरुपयोग किया है. वह दोषियों को कैसे माफ कर सकती है. सुनवाई महाराष्ट्र में हुई है तो रिहाई पर फैसला भी वहीं की सरकार करेगी. जिस राज्य में अपराधी पर मुकदमा चलाया जाता है और सजा सुनाई जाती है, उसी को दोषियों की माफी याचिका पर फैसला लेने का अधिकार है.
इस कमेंट के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मई 2022 में जस्टिस अजय रस्तोगी (रिटायर्ड) के उस फैसले को भी रद्द कर दिया, जिसमें 11 दोषियों को गुजरात सरकार से शीघ्र माफी के लिए अपील करने की अनुमति दी गई थी. गुजरात सरकार ने इन्हें 15 अगस्त 2022 को रिहा कर दिया था. बेंच ने सभी 11 दोषियों को 2 सप्ताह में सरेंडर करने को कहा. फैसले के बाद बिलकिस के घर पर पटाखे फोड़े गए. बिलकिस के 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ 30 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की गई थी. पहली याचिका में 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए उन्हें तुरंत वापस जेल भेजने की मांग की गई थी. दूसरी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के मई में दिए आदेश पर विचार करने की मांग की गई थी.