भाजपा ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33% आरक्षण
मछुआरों को हर साल 6 हजार रु और बंगाल में 3 नए एम्स खोलने का वादा किया
कोलकाता/दि. २१ – बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. पार्टी ने इसे सोनार बांग्ला संकल्प पत्र कहा है. सरकारी नौकरी में महिलाओं को 33त्न आरक्षण, मछुआरों को हर साल 6 हजार रुपए, केजी से पीजी तक महिलाओं की पढ़ाई फ्री करने और उत्तर बंगाल, जंगल महाल और सुंदरबन में तीन नए एम्स खोलने की बात कही है। वहीं, इन जगहों पर हर परिवार में एक सदस्य को रोजगार का वादा भी किया गया है.
कोलकाता के ईस्टर्न जोनल कल्चरल सेंटर में घोषणा पत्र जारी करते हुए शाह ने कहा, देश भर में बेरोकटोक हर धर्म का त्योहार मनाया जाए. सरस्वती और दुर्गा पूजा के लिए कोर्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी. 70 साल से जो शरणार्थी यहां बसे हैं, पहली कैबिनेट में लागू कर उन्हें नागरिकता दी जाएगी. हर परिवार को 10 हजार रुपए सालाना दिए जाएंगे. ओबीसी में कुछ और समुदाय को जोड़ेंगे. किसान सम्मान निधि में 75 लाख किसानों को 18 हजार रुपए एक साथ बिना कटमनी के उनके खाते में दिए जाएंगे. किसान सम्मान निधि में 6 हजार रुपए केंद्र सरकार और 4 हजार रुपए राज्य सरकार देगी.
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शाह ने कहा- बंगाल ने देश का नेतृत्व किया
घोषणा पत्र जारी करते हुए शाह ने कहा, आज के प्रगतिशील भारत की नींव कल के बंगाल में रखी गई. यहीं वंदे मातरम मिला, यहीं जन गण मन मिला. यहीं से सशस्त्र क्रांति की शुरुआत हुई. स्वामी विवेकानंद जैसे महान व्यक्तियों ने चेतना का रास्ता प्रशस्त किया. जब देश कुरीति में जकड़ा था, तब बंगाल के सपूतों ने समाज सुधार की शुरुआत की. आजादी की लड़ाई का नेतृत्व भी बंगाल ने किया.
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बंगाल के पिछड़ने के लिए लेफ्ट और ममता जिम्मेदार
अमित शाह ने कहा, सुभाषचंद्र बोस, खुदीराम बोस जैसे महान नायकों ने आजादी के आंदोलन को आकार दिया. मगर आज 73 साल बाद बंगाल काफी पिछड़ गया है. इसका कारण 30 साल का प्रशासन है. लेफ्ट और ममता जी का शासन इसकी वजह है. महिलाओं के लिए यह सबसे असुरक्षित प्रदेश बन गया है. विवेकानंद की भूमि पर युवा निराश हैं. टीएमसी के कुशासन ने काले अध्याय की शुरुआत की है.
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ममता ने राजनीति का अपराधीकरण किया
बंगाल के परंपरागत उत्सवों को भी वोट की राजनीति की नजर से देखा गया. ममता जी ने पूरे एडमिनिस्ट्रेशन का राजनीतिकरण कर दिया, राजनीति का अपराधीकरण कर दिया. त्योहार मनाने के लिए कोर्ट से गुहार लगानी पड़ती है. राजनीतिक हिंसा चरम तक पहुंच गई है. 130 से ज्यादा पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है. 1967 से यहां ऐसी सरकारें रहीं, जो केंद्र सरकार से लड़ती रहीं. हमारे फेडरल स्ट्रक्चर में अंधविरोध नहीं है. भारत का विकास इसकी संकल्पना है.
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लोगों की राय से बना घोषणापत्र
भाजपा ने घोषणापत्र जारी करने से पहले राज्य में बड़ा अभियान चलाया था. लोगों से राज्य में बदलाव को लेकर राय मांगी थी. इस अभियान की शुरुआत खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की थी.
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बंगाल में 8 फेज में चुनाव
पश्चिम बंगाल में इस बार 8 फेज में वोटिंग होगी। 294 सीटों वाली विधानसभा के लिए वोटिंग 27 मार्च (30 सीट), 1 अप्रैल (30 सीट), 6 अप्रैल (31 सीट), 10 अप्रैल (44 सीट), 17 अप्रैल (45 सीट), 22 अप्रैल (43 सीट), 26 अप्रैल (36 सीट), 29 अप्रैल (35 सीट) को होनी है।