नई दिल्ली/दि. 2 – कर्नाटक के बेलगाम उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी मंगला अंगडी ने जीत हासिल की है. मंगला अंगडी ने कांग्रेस प्रत्याशी सतीश जारकीहोली को 1622 मतों से हरा दिया है. इन दोनों प्रत्याशियों के बीच सुबह से ही जोरदार टक्कर दिखाई दे रही थी. केंद्रीय मंत्री सुरेश अंगडी के निधन के बाद बेलगाम में उपचुनाव करवाया गया था. इस चुनाव में भाजपा ने दिवंगत नेता सुरेश अंगडी की पत्नी मंगला अंगडी को चुनाव के मैदान में उतारा था जबकि कांग्रेस की तरफ से सतीश जारकीहोली चुनावी मैदान में उतरे थे. लेकिन मंगला अंगडी ने यह चुनाव जीत कर बेलगाम में भाजपा का परचम लहरा दिया.
रविवार सुबह जब यहां मतगणना की शुरुआत हुई तभी से अंगडी और जारकीहोली के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. महाराष्ट्र एकीकरण समिति की ओर से यहां चुनाव में खड़ी हुई 26 वर्षीय शुभम शेलके का यहां कोई असर नहीं दिखाई दिया. शुभम शेलके के समर्थन में शिवसेना ने भी अपनी पूरी ताकत लगा दी थी. वहीं भाजपा प्रत्याशी मंगला अंगडी के समर्थन में भी भाजपा ने केंद्रीय नेताओं की पूरी फौज उतार दी थी.
महाराष्ट्र के बॉर्डर पर होने और लंबे समय से महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच सीमा विवाद का केंद्र की वजह से बेलगाम के इस उपचुनाव को भाजपा बनाम शिवसेना के रूप में भी देखा जा रहा था. लेकिन कांग्रेस और शिवसेना से जीत छीन कर भाजपा की मंगला अंगडी ने अपनी धाक जमा दी. यानी भाजपा और कांग्रेस के बीच की इस लड़ाई में शिवसेना का जोर लगाना कोई काम नहीं आया. शिवसेना अपनी कोई छाप नहीं छोड़ पाई. बेलगाम सहित कर्नाटक के 15 जगहों में उपचुनाव हुए हैं. इन जगहों पर किसकी जीत होती है उन पर सबकी नजरें लगी हुई हैं. महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच बेलगाम से जुड़ा सीमा विवाद का मुद्दा 70 सालों से चल रहा है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस विवाद को सुलझाने के लिए दो मंत्रियों की समिति बनाई है तो येदियुरप्पा ने एक इंच जमीन ना देने की बात कही है.
कहा जा रहा था कि यहां मराठी भाषी लोगों की अच्छी खासी तादाद है, जिनमें शिवसेना का अच्छा खासा प्रभाव है. ऐसे में शिवसेना के समर्थन से महाराष्ट्र एकीकरण समिति की उम्मीदवार शुभम शेलके को फायदा मिलने का अंदाजा गलत साबित हुआ और शुभम शेलके ने कोई प्रभाव नहीं छोड़ा.