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केंद्र खुद उधार लेकर राज्यों को मुआवजा दे या फीर आरबीआई से लें

  • वित्तमंत्री ने राज्यों को सुझाए दो विकल्प

  • सात दिनों के भीतर मांगी राय

नई दिल्ली/दि.२७– वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की 41वीं बैठक का आयोजन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) की अगुवाई में किया गया. इस बैठक में कई फैसले लिए गए हैं. इस बैठक में राज्यों को जीएसटी के मुआवजे पर मंथन हुई है. वित्त मंत्री ने बताया कि पांच घंटे तक चली बैठक में राज्यों को 2 विकल्प दिए गए हैं.
केंद्र खुद उधार लेकर राज्यों को मुआवजा दे या फिर आरबीआई से उधार लिया जाए. राज्य 7 दिनों के भीतर अपनी राय देंगे. यानी सात दिन के बाद एक फिर संक्षिप्त बैठक होगी. यह विकल्प सिर्फ इस साल के लिए है. काउंसिल अप्रैल 2021 में फिर बैठेगा और हालात की समीक्षा करेगा. वित्त सचिव के मुताबिक कोरोना (Corona) की वजह से चालू वित्त वर्ष (2020-21) में जीएसटी कलेक्शन में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी की आशंका है.
राज्यों को मई, जून, जुलाई और अगस्त यानी चार महीने का मुआवजा नहीं मिला है. सरकार ने हाल में वित्त मामलों की स्थायी समिति को बताया है कि उसके पास राज्यों को मुआवजा देने के लिए पैसे नहीं हैं. जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद फाइनेंस सेक्रेटरी (Finance Secretary) ने बताया कि केंद्रीय सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीएसटी मुआवजे के रूप में 1.65 लाख करोड़ रुपये से अधिक जारी किए, जिसमें मार्च के लिए 13,806 करोड़ रुपये शामिल हैं. 2019-20 के लिए जारी मुआवजे की कुल राशि 1.65 लाख करोड़ है, जबकि उपकर राशि 95,444 करोड़ थी. बता दें कि बीते 12 जून को जीएसटी काउंसिल की आखिरी बैठक हुई थी. बैठक में साल दर साल GST रिटर्न की लेट फीस पर छूट दी गई थी. कोरोना काल में यह पहली बैठक थी. इससे पहले मार्च में जीएसटी काउंसिल की 39वीं बैठक हुई थी.
वित्त मंत्री ने दो पहिया वाहन को लेकर कुछ नहीं कहा. बता दें कि बीते दिनों निर्मला सीतारमण ने दोपहिया वाहन पर जीएसटी कटौती के संकेत दिए थे. वित्त मंत्री ने कहा था कि दोपहिया वाहन न तो विलासिता का सामान है और न ही यह अहितकर सामाना की श्रेणी में आता है इसलिये इस पर जीएसटी दर में संशोधन का मामला बनता है.
उन्होंने कहा कि दो पहिया वाहन पर जीएसटी दर में संशोधन के मामले पर जीएसटी काउंसिल की बैठक में गौर किया जायेगा. वहीं पिछले साल देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनी हीरो मोटो कॉर्प ने सरकार से जीएसटी कटौती की अपील भी की थी. वर्तमान में दोपहिया वाहनों पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है.

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