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केंद्र सरकार ने 32500 करोड़ की सात रेल परियोजनाओं को दी मंजूरी

मुदखेड-मेडवल के बीच मौजूदा रेल लाइन का दोहरीकरण

नई दिल्ली/दि.17- केंद्र सरकार ने बुधवार को महाराष्ट्र सहित 9 राज्यों के 35 जिलों को कवर करने वाले 2339 किलोमीटर रेल लाइनों के क्षमता विस्तार की 7 परियोजनाओं को मंजूरी दी है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक 32,500 करोड़ लागत की इन परियोजनाओं के कारण संबंधित राज्यों के लोगों को 7.06 करोड़ मानव दिवस का रोजगार मिलेगा.
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की हुई बैठक में इन रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. बैठक के बाद रेल मंत्री वैष्णव ने बताया कि यह परियोजनाएं महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के 35 जिलों को कवर करेगी. इससे भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 2339 किलोमीटर की वृद्धि होगी. उन्होंने बताया कि यह परियोजनाएं 100 फीसदी केंद्रीय वित्तपोषित होगी.
रेल मंत्री ने बताया कि जिन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, उनमें महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के मुदखेड-मेडचल और महबूबनगर-धोन के बीच की 417.68 किलोमीटर की मौजूदा रेल लाइन का दोहरीकरण, गोरखपुर-कैट-वाल्मिकी नगर (99 किलोमीटर) दोहरीकरण, चोपन-चुनार (102 किलोमीटर) तेलंगाना में गुंटूर-बीबीनगर (239 कि.मी.) का दोहरीकरण, नेरगुंडी-बारंग एवं खुर्दा रोड- विजयनगरम (385 कि.मी) तीसरी लाइन, गुजरात में सामख्याली-गांधीधाम (52 कि.मी.) तीसरी और चौथी लाइन तथा बिहार के सोन नगर-अंडाल (पश्चिम बंगाल) 374 किलोमीटर की तीसरी एवं चौथी लाइन बिछाने की परियोजनाएं शामिल है.
मंत्री के मुताबिक इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से खाद्यान्न,उर्वरक, कोयला, सीमेंट, फ्लाई-ऐश, लोहा और तैयार इस्पात, कच्चा तेल, खाद्य तेल आदि वस्तुओं से परिवहन को सुगमता मिलेगी. उन्होंने कहा कि क्षमता वृद्धि के परिणामस्वरुप हर साल 20 करोड़ टन अतिरिक्त माल ढुलाई संभव हो सकेगी. इससे पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का माध्यम होने के कारण रेलवे, जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की लॉजिस्टिक लागत को कम करने में मददगार साबित होगा.

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