नई दिल्ली/दि.१– सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दशक का पहला बजट पेश किया. इसमें कई तरह के बड़े ऐलान किए गए जबकि केंद्र की तरफ से कुछ ऐसे निर्णय लिए गए हैं जिसको लेकर राजनीति बहस तेज हो गई है. बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि दो और बैंक का निजीकरण किया जाएगा. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किस बैंक का निजीकरण किया जाएगा. वहीं, एक बीमा कंपनी को भी सरकार बेचने जा रही है. एलआईसी की हिस्सेदारी भी बेचेगी. केंद्र सरकार एलआईसी में आईपीओ यानी इनिसियल पब्लिक ऑफरिंग लाने जा रही है.ये वित्त वर्ष 2021-22 मोदी सरकार लाएगी.
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने कहा है कि सरकार हर चीज को बेचने के मूड में है. पार्टी नेता और सांसद शशिथरूर ने तंज कसते हुए कहा कि ये ऐसी सरकार है जिसे कोई गाड़ी वाला कहता है कि उसे ब्रेक ठीक करवाने हैं तो गाड़ी बनाने वाला हॉर्न का साउंड बढ़ाने की बात कहता है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बजट 2021-22 में गरीब और आम आदमी की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इसमें सरकार ने देश की संपत्ति को अपने मित्र पूंजीपतियों में बांटने की पूरी व्यवस्था की है. गांधी ने कहा कि यह सरकार देश के जन सामान्य को खुशहाल नहीं देखना चाहती है, इसलिए उनके हित में कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. उनका कहना था कि सरकार सिर्फ सार्वजनिक संपत्ति को निजी हाथों बेचने की योजना पर जोर दे रही है. उन्होंने ट्वीट किया मोदी सरकार लोगों के हाथों में नकदी देना भूल गयी. उसकी योजना भारत की संपत्ति को अपने चंद पूंजीपति मित्रों में वितरित करने की है.
शशिथरूर ने सोमवार को बजट पेश होने के बाद ट्वीट करते हुए लिखा, ये भाजपा की सरकार मुझे उस गैराज मैकेनिक की याद दिलाती है, जिसने गाड़ी बनवाने वाले से कहा था, मैं तुम्हारे ब्रेक ठीक नहीं कर सकता, इसलिए मैंने तुम्हारा हॉर्न लाउडर कर दिया.
वहीं, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार सब कुछ बेचने के मूड में है. उन्होंने कहा कि बजट में छोटे हाथों में देश को बेचने के अलावा कुछ नहीं है. वित्त मंत्री सीतारमण इस बात से बेखबर हैं कि जीडीपी का ग्रोथ रेट 37 महीने के नीचने स्तर पर है. ये स्थिति 1991 की मंदी में थी. सीधी बात ये है कि अर्थव्यवस्था को बल देने की बजाय मोदी सरकार देश के सिल्वर को बेच रही है.