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को-वैक्सीन व कोविशिल्ड को 110 देशोें ने दी मान्यता

अन्य देशों में भी मान्यता के लिए सरकार कर रही प्रयास

नई दिल्ली/दि.20- दुनिया के 110 देशों ने भारत में पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक का आधार लेकर भारत बायोटेक द्वारा तैयार की गई को-वैक्सीन तथा सीरम इन्स्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा तैयार की गई कोविशिल्ड वैक्सीन को अपनी मान्यता दी है. वहीं केंद्र सरकार द्वारा दुनिया के अन्य देशों से इस संदर्भ में संपर्क किया जा रहा है, ताकि कोविशिल्ड व को-वैक्सीन का डोज लगवा चुके लोगों के लिए शिक्षा, व्यवसाय तथा पर्यटन हेतु यात्रा करना सुलभ हो सके. ऐसे में जल्द ही दुनिया के अन्य देशों द्वारा भी को-वैक्सीन व कोविशिल्ड को मान्यता दी जा सकती है. ऐसी जानकारी केंद्र सरकार के एक उच्च पदस्थ अधिकारी द्वारा दी गई है.
उल्लेखनीय है कि, पूरी दुनिया में भारत ने अब तक कोविशिल्ड व को-वैक्सीन की सर्वाधिक डोज अपने नागरिकों को लगायी है. किंतु जिन देशों में जिन वैक्सीन को मान्यता नहीं दी गई है, उन देशों की यात्रा वैक्सीन लगवा चुके लोग नहीं कर पा रहे. साथ ही कोविड संबंधीत हालात को देखते हुए अधिकांश देशों ने विदेशों से आनेवाले नागरिकों द्वारा कौनसी वैक्सीन लगवायी गई है, इसकी जानकारी देना अनिवार्य किया गया है. दुनिया में ऐसे कई देश है, जिनकी राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त और विश्व स्वास्थ्य संस्था से मान्यता प्राप्त वैक्सीन हेतु टीकाकरण प्रमाणपत्रों को मान्यता देने के बारे में भारत के साथ करार हुए है. किंंतु कई देश ऐसे भी है, जिनका अब तक भारत के साथ कोई करार नहीं हुआ है. ऐसे में कोविशिल्ड व को-वैक्सीन का डोज लगाने के बावजूद भारतीय नागरिक उन देशों की यात्रा कर पाने में असक्षम है. वहीं दूसरी ओर भारत में निर्मित दोनों वैक्सीन कोरोना के खिलाफ बचाव हेतु बेहद कारगर रहने की बात विविध टेस्ट में साबित हो चुकी है. साथ ही कोविशिल्ड को लेकर दुनिया में रहनेवाले संभ्रम को भी विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हाल ही में दूर कर दिया गया है. ऐसे में इस वैक्सीन को अब आपातकालीन प्रयोग की सूची में शामिल किया गया है.

* 115 करोड से अधिक डोज लगाये जा चुके

भारत में अब तक कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के 115 करोड से अधिक डोज लगाये जा चुके है. जिसमें से 76.19 करोड लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लगाया जा चुका है. वहीं 39.08 लोगों ने पहले डोज के साथ ही इस वैक्सीन का दूसरा डोज भी लगा लिया है. बता दें कि, भारत में विगत 16 जनवरी से कोविड प्रतिबंधात्मक टीकाकरण का काम शुरू किया गया था.

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