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कोरोना से स्वस्थ्य हुए मरीजों को बीमा राशि देने में 6 महिने तक इंतजार करवा रही कंपनियां

हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस दोनों लेना मुश्किल

नई दिल्ली/दि.७ – कोरोना संक्रमण से उबर रहे मरीजों को बीमा कंपनियां स्वास्थ्य बीमा और टर्म इंश्योरेंस जारी करने में इंतजार करा रही हैं. अलग-अलग कंपनियों ने ऐसे लोगों के लिए तीन से छह महीने तक का कूलिंग ऑफ पीरियड तय कर दिया है यानी कोरोना से मुक्त होने के इतने समय बाद ही पॉलिसी जारी की जा रही है.
एक बडी जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने अपने एजेंट्स को जारी नोट में कहा है, कोरोना के मामले में कई कारणों से कूलिंग ऑफ पीरिएड लागू किया जा रहा है. इस बारे में हमारी समझ और जानकारी पर्याप्त नहीं है. इसकी जटिलताओं का कोई स्थापित पैटर्न नहीं है. अगर हम कूलिंग ऑफ अवधि नहीं रखते है और व्यक्ति में एक या दो महीने के बाद पल्मोनरी समस्या विकसित हो जाती है, तो हमारे लिए यह तय करना मुश्किल होगा कि क्या कोरोना से संबंधित है या नहीं? नतीजतन, हमने ग्राहकों के लिए तीन महीने की उचित कूलिंग ऑफ अवधि रखने का फैसला लिया है. वहीं, एक जीवन बीमा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने भी दैनिक कंपनी कोरोना से स्वीकार किया कि उनकी कंपनि कोरोना से उबरे मरीजों को टर्म इंश्योरेंस जारी करने में कूलिंग ऑफ पीरियड अपना रही है. इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक, कोरोना के बढते क्लेम की वजह से बीमा कंपनियों की वित्तीय स्थिति खराब हो रही है. कंपनियों को अपने अनुमान से कई गुना अधिक क्लेम देना पड गया है. ऐसे में यह कंपनियां और जोखिम नहीं लेना चाह रही हैं. आगे चलकर कंपनियां बीमा का प्रीमियम भी बढा सकती हैं.

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