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दो मुद्दों पर बनी सहमति

  • किसानों के साथ वार्ता के बाद कृषि मंत्री ने कहा

  • अगले दौर की बैठक ४ जनवरी को

नई दिल्ली/दि.३० – केंद्र सरकार द्वारा पारित 3 कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग लेकर पिछले 35 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र सरकार बुधवार को छठे दौर की वार्ता संपन्न हो गई है. वार्ता संपन्न होने के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जानकारी देते हुए बाताया कि दोनों पक्षों के बीच दो मुद्दों पर सहमति बन गई है. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों में प्रस्तावित बिजली कानून, पराली जलाने से संबंधित मुद्दों पर सहमति बनी. वहीं किसान नेता कलवंत सिंह संधू ने बताया कि सरकार और किसान यूनियनों के बीच अगले दौर की बैठक चार जनवरी को होगी. उन्होंने कहा कि आज की बैठक मुख्य रूप से बिजली और पराली जलाने के मुद्दे पर केंद्रित रही. अगली बैठक में एमएसपी गारंटी और तीन कृषि कानूनों पर बात होगी. इससे पहले कि सरकार ने किसानों के साथ बैठक में कहा कि तीनों कृषि कानूनों से जुड़ी मांगों और मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक समिति बनाई जा सकती है. सरकार ने बैठक में कानूनों से जुड़ी जानकारी विस्तार से दी और कहा कि कानून बनाने और वापस लेने की एक लंबी प्रक्रिया है.
केंद्र सरकार द्वारा पारित 3 कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग लेकर पिछले 35 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र सरकार सरकार ने बुधवार को छठे दौर की वार्ता की. वार्ता संपन्न होने के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जानकारी देते हुए बाताया कि दोनों पक्षों के बीच दो मुद्दों पर सहमति बन गई है. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों में प्रस्तावित बिजली कानून, पराली जलाने से संबंधित मुद्दों पर सहमति बनी. किसान नेता कलवंत सिंह संधू ने बताया कि सरकार और किसान यूनियनों के बीच अगले दौर की बैठक चार जनवरी को होगी. उन्होंने कहा कि आज की बैठक मुख्य रूप से बिजली और पराली जलाने के मुद्दे पर केंद्रित रही. अगली बैठक में एमएसपी गारंटी और तीन कृषि कानूनों पर बात होगी. किसानों ने एक दिन पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि वह कानूनों को रद्द करने के मुद्दे पर ही सरकार से वार्ता करेंगे. अब सूत्रों के हवाले से खबर है कि सरकार ने किसानों के साथ बैठक में कहा कि तीन कृषि कानूनों से जुड़ी मांगों और मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक समिति बनाई जा सकती है. सरकार ने बैठक में कानूनों से जुड़ी जानकारी विस्तार से दी और कहा कि कानून बनाने और वापस लेने की एक लंबी प्रक्रिया है. किसान संगठनों और भारत सरकार के बीच बुधवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में होने वाली बातचीत से ठीक पहले किसान नेताओं ने कृषि सचिव को चि_ी लिख कर साफ़ कर दिया था कि उनके लिए बैठक का मुख्य एजेंडा 3 नए कृषि सुधार कानूनों को निरस्त करना और एमएसपी पर खरीद की क़ानूनी गारंटी की मांग होगी. इससे पहले कृषि कानूनों पर एक महीने से ज्यादा समय से चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों के संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच छठे दौर की वार्ता बुधवार दोपहर शुरू हुई. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश यहां विज्ञान भवन में 41 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर रहे हैं. कुछ दिनों के अंतराल के बाद दोनों पक्षों के बीच छठे दौर की वार्ता आरंभ हुई है. पिछली बैठक पांच दिसंबर को हुई थी. आंदोलन कर रहे किसान अपनी मांगों पर डटे हुए हैं कि केवल तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया और एमएसपी पर कानूनी गारंटी प्रदान करने समेत अन्य मुद्दों पर ही चर्चा होगी. केंद्र ने सितंबर में लागू तीनों नए कृषि कानूनों पर गतिरोध दूर करने के लिए ”खुले मन से ”तार्किक समाधान तक पहुंचने के लिए यूनियनों को 30 दिसंबर को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था. छठे दौर की वार्ता नौ दिसंबर को ही होने वाली थी लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और यूनियन के कुछ नेताओं के बीच बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकलने पर बैठक रद्द कर दी गयी थी. शाह से मुलाकात के बाद सरकार ने किसान संगठनों को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें नए कानून में सात-आठ संशोधन करने और एमएसपी पर लिखित आश्वासन देने की बात कही थी. सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने से इनकार कर दिया था. सरकार ने कहा है कि इन कानूनों से कृषि क्षेत्र में सुधार होगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी लेकिन प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को आशंका है कि नए कानूनों से एमएसपी और मंडी की व्यवस्था ‘कमजोर होगी और किसान बड़े कारोबारी घरानों पर आश्रित हो जाएंगे.

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