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भाजपा के कार्यकाल में ईडी की कार्रवाईयों में काफी वृद्धि

छापेमारी 86, संपत्ति जब्ती का प्रमाण 25 गुना से बढा

नई दिल्ली/दि.19– भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के पिछले 10 वर्षों के कार्यकाल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 7 हजार 264 छापामार कार्रवाई की हैं. जबकि, पिछले दशक में सिर्फ 84 जगहों पर छापेमारी हुई थी. 2014 से पहले के 9 साल की तुलना में मोदी के कार्यकाल में ईडी की छापेमारी 86 गुना बढ गई. साथ ही गिरफ्तारी और संपत्ति जब्ती की दर 25 गुना तक बढने की जानकारी बुधवार को सामने आई.

यह भी पता चला है कि यूपीए सरकार के एनडीए शासन के दौरान ईडी की जब्ती और सजा दर में काफी वृद्धि हुई है.
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए)अर्थात ईडी ने हवाला कानून के तहत कार्रवाई की है. की गई कार्रवाई का विश्लेषण व आंकडेनिहाय जानकारी सार्वजनिक की है.

जुलाई 2005 से मार्च 2014 तक के वर्षों की तुलना में यह पता चला है कि अप्रैल 2014 से मार्च 2024 तक 10 वर्षों के दौरान ईडी की कार्रवाइयों की संख्या में वृद्धि हुई है. ईडी ने पिछले 10 साल में 5,155 मामले दर्ज किए. यूपीए सरकार (2005-14) के कार्यकाल दौरान यह आंकडा 1,797 था. इससे साफ है कि यूपीए की तुलना में एनडीए में शिकायतें तीन गुना बढ गई हैं. 2014 वर्ष के वित्तीय वर्ष के दौरान हवाला के तहत 63 लोगों को सजा हुई. साथ ही 2014 से 2024 के बीच ईडी ने देशभर में 7,264 छापे मारे. लेकिन, यूपीए के दौर में यही आंकडा सिर्फ 84 था. इसके साथ ही आंकडों से साफ है कि एनडीए के दौरान छापेमारी की संख्या में 86 फीसदी की बढोतरी हुई.

पिछले दशक में ईडी ने 755 लोगों को गिरफ्तार किया और 1 लाख 21 हजार 618 करोड की संपत्ति जब्त की. यूपीए सरकार के दौरान 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 5,086 करोड रुपये की संपत्ति जब्त की गई. एनडीए काल में गिरफ्तारी दर यूपीए काल की तुलना में 26 गुना अधिक है. जबकि संपत्ति जब्त करने की दर 24 गुना ज्यादा है.
इस बीच, ईडी ने पिछले 10 वर्षों में अचल और चल संपत्तियों की जब्ती के लिए 1,971 आदेश जारी किए, जबकि यूपीए के दौरान यही आंकडा केवल 311 था. एनडीए सरकार के दौरान आरोप पत्र दायर करने का प्रमाण 12 गुना बढ गया. ईडी ने विभिन्न अदालतों में 36 मामलों में आरोप साबित किए. इसमें 63 लोगों के खिलाफ 73 आरोपपत्रों का निपटारा किया गया. यूपीए काल में कोई भी आरोपी को दोषी नहीं पाया गया. तथा हवालाकांड के किसी भी आरोप पर फैसला नहीं सुनाया गया है. ऐसा प्राप्त आंकडों से स्पष्ट हुआ है. सामने आया कि ईडी पिछले 10 साल में 4 आरोपियों के प्रत्यार्पण में सफल रही है.

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