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‘कोरोना महामारी का प्रभाव नहीं हुआ खत्म, जल्दी से जल्दी वैक्सीन लगवाएं देशवासी’

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बोले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

 नई दिल्ली/दि. 14 – देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों के नाम संदेश दिया है. उन्होंने कहा, ‘देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. यह दिन हम सभी के लिए अत्यंत हर्ष और उल्लास का दिन है. इस वर्ष के स्वाधीनता दिवस का विशेष महत्व है क्योंकि इसी वर्ष से हम सब अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. कई पीढ़ियों के ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष से हमारी आज़ादी का सपना साकार हुआ था. उन सभी ने त्याग व बलिदान के अनूठे उदाहरण प्रस्तुत किए. मैं उन सभी अमर सेनानियों की पावन स्मृति को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं.’
उन्होंने कहा, ‘हाल ही में संपन्न टोक्यो ओलिंपिक में हमारे खिलाड़ियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से देश का गौरव बढ़ाया है. मैं हर माता-पिता से आग्रह करता हूं कि वे होनहार बेटियों के परिवारों से शिक्षा लें और अपनी बेटियों को भी आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करें.’
राष्ट्रपति ने कोरोना का जिक्र करते हुए कहा, ‘महामारी की तीव्रता में कमी आई है, लेकिन कोरोना-वायरस का प्रभाव अभी समाप्त नहीं हुआ है. हर तरह के जोखिम उठाते हुए, हमारे डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों, प्रशासकों और अन्य कोरोना योद्धाओं के प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाया जा रहा है. मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे प्रोटोकॉल के अनुरूप जल्दी से जल्दी वैक्सीन लगवा लें और दूसरों को भी प्रेरित करें. इस समय वैक्सीन हम सबके लिए विज्ञान द्वारा सुलभ कराया गया सर्वोत्तम सुरक्षा कवच है. मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे प्रोटोकॉल के अनुरूप जल्दी से जल्दी वैक्सीन लगवा लें.’

  • चिकित्सा सुविधाओं पर एक वर्ष में 23,220 करोड़ रुपए खर्च किएः रामनाथ कोविंद

उन्होंने कहा, ‘यह तथ्य संतोषजनक है कि चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के लिए एक वर्ष की अवधि में ही 23,220 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. मुझे इस बात की खुशी है कि सभी बाधाओं के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में- विशेष रूप से कृषि के क्षेत्र में बढ़ोतरी जारी रही है. जब ‘ईज़ ऑफ डुइंग बिजनेस’ की रैंकिंग में सुधार होता है, तब उसका सकारात्मक प्रभाव देशवासियों की ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ पर भी पड़ता है. एग्रीकल्चरल मार्केटिंग में किए गए अनेक सुधारों से हमारे अन्नदाता किसान और भी सशक्त होंगे और उन्हें अपने उत्पादों की बेहतर कीमत प्राप्त होगी.’
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ‘मैं जम्मू-कश्मीर के निवासियों, विशेषकर युवाओं से इस अवसर का लाभ उठाने और लोकतांत्रिक संस्थाओं के माध्यम से अपनी आकांक्षाओं को साकार करने के लिए सक्रिय होने का आग्रह करता हूं. अब जम्मू-कश्मीर में नव-जागरण दिखाई दे रहा है. सरकार ने लोकतंत्र और कानून के शासन में विश्वास रखने वाले सभी पक्षों के साथ परामर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी है. हमारा लोकतंत्र संसदीय प्रणाली पर आधारित है, अतः संसद हमारे लोकतंत्र का मंदिर है. स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस नए भवन के उद्घाटन को विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक प्रस्थान बिन्दु माना जाएगा. यह सभी देशवासियों के लिए बहुत गर्व की बात है कि हमारे लोकतंत्र का यह मंदिर निकट भविष्य में ही एक नए भवन में स्थापित होने जा रहा है.’

  • कोविड योद्धाओं की मैं हृदय से करता हूं सराहना: राष्ट्रपति

उन्होंने कहा, ‘सरकार ने इस विशेष वर्ष को स्मरणीय बनाने के लिए कई योजनाओं का शुभारम्भ किया है. ‘गगनयान मिशन’ उन अभियानों में विशेष महत्व रखता है. हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत ने, न केवल पेरिस जलवायु समझौते का पालन किया है, बल्कि जलवायु की रक्षा के लिए तय की गई प्रतिबद्धता से भी अधिक योगदान कर रहा है. कोरोना के संकट का सामना करने में लाखों लोगों ने अपनी परवाह न करते हुए मानवता के प्रति निस्वार्थ भाव से दूसरों के स्वास्थ्य और प्राणों की रक्षा के लिए भारी जोखिम उठाए हैं. ऐसे सभी कोविड योद्धाओं की मैं हृदय से सराहना करता हूं. सभी कोविड योद्धाओं की मैं हृदय से सराहना करता हूं. अनेक कोविड योद्धाओं को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है. मैं उन सबकी स्मृति को नमन करता हूं. “मेरा हर काम, देश के नाम.” यह आदर्श-वाक्य हम सभी देशवासियों को मंत्र के रूप में आत्मसात कर लेना चाहिए तथा राष्ट्र के विकास के लिए पूरी निष्ठा व समर्पण से कार्य करना चाहिए.’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं विशेष रूप से भारतीय सशस्त्र बलों के वीर जवानों की सराहना करता हूं, जिन्होंने हमारी स्वतंत्रता की रक्षा की है, और आवश्यकता पड़ने पर सहर्ष बलिदान भी दिया है. मैं सभी प्रवासी भारतीयों की भी प्रशंसा करता हूं. उन्होंने जिस देश में भी घर बसाया है, वहां अपनी मातृभूमि की छवि को उज्ज्वल बनाए रखा है. मैं आप सभी को भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बधाई देता हूं. यह वर्षगांठ मनाते हुए मेरा हृदय सहज ही आज़ादी के शताब्दी वर्ष 2047 के सशक्त, समृद्ध और शांतिपूर्ण भारत की परिकल्पना से भरा हुआ है. मैं यह मंगलकामना करता हूं कि हमारे सभी देशवासी कोविड महामारी के प्रकोप से मुक्त हों तथा सुख और समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ें.’

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