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‘भारत में 2-3 महीनों में पूरा नहीं हो सकता कोरोना टीकाकरण’

वैक्सीन विदेश भेजने पर दी सफाई

नई दिल्ली/दि. 18 – विश्व भर में कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों ने लोगों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है. भारत भी कोरोना की भयावह स्थिति का सामना कर रहा है. इस बीच वैक्सीन निर्यात करने को लेकर केंद्र सरकार और भारत वैक्सीन संस्थान के बीच गंभीर चर्चा जारी है. सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि हम यानी भारत दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से है. इतनी बड़ी आबादी के लिए टीकाकरण अभियान 2-3 महीनों के भीतर पूरा नहीं किया जा सकता. अदार पूनावाला ने कहा कि भारत में वैक्सीनेशन अभियान को लेकर कई कारक और चुनौतियां शामिल हैं. पूरी दुनिया की आबादी को पूरी तरह से टीका लगने में 2-3 साल लगेंगे. उन्होंने कहा सबसे पहले, जनवरी 2021 में हमारे पास टीके की खुराक का एक बड़ा भंडार था. हमारा टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक शुरू हो गया था और दर्ज किए जा रहे दैनिक मामलों की संख्या अब तक के सबसे निचले स्तर पर थी. उस अवस्था में स्वास्थ्य विशेषज्ञों सहित अधिकांश लोगों का मानना ​​था कि भारत महामारी का रुख मोड़ रहा है.

  • क्यों जरूरी था वैक्सीन का निर्यात

अदार पूनावाला ने कहा कि दुनिया के कई अन्य देश भीषण संकट का सामना कर रहे थे और उन्हें मदद की सख्त जरूरत थी. हमारी सरकार ने जहां भी संभव हुआ समर्थन दिया. यह वह भावना है जिसने शुरू में देशों के बीच निगम का नेतृत्व किया था जब वायरस पहली बार 2020 की शुरुआत में उभरा था. देशों के बीच निगम हमारे लिए प्रौद्योगिकी तक पहुंच और स्वास्थ्य सेवा के लिए सहायता का आधार भी बनाता है. आज भारत को अन्य देशों से मेडिकल ऑक्सीजन और अन्य जरूरत की चीजों की आपूर्ति हुई. कहीं न कहीं भारत की तरफ से वैक्सीन निर्यात ही इसका कारण है.

  • राजनीतिक सीमाओं तक सीमित नहीं महामारी

उन्होंने कहा कि हमें यह भी समझना चाहिए कि यह महामारी भौगोलिक या राजनीतिक सीमाओं तक सीमित नहीं है. हम तब तक सुरक्षित नहीं होंगे जब तक कि कोई इस वायरस को वैश्विक स्तर पर हराने में सक्षम नहीं हो जाता. इसके अलावा, हमारे वैश्विक गठबंधनों के हिस्से के रूप में, हमारी COVAX के प्रति भी प्रतिबद्धता थी, ताकि वे महामारी को समाप्त करने के लिए विश्व स्तर पर टीकों का वितरण कर सकें.

  • दो सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक भारत

अदार पूनावाला ने कहा कि एक और महत्वपूर्ण कारक है जिसे लोग महसूस नहीं करते हैं, वह यह है कि हम दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से हैं. इतनी बड़ी आबादी के लिए टीकाकरण अभियान 2-3 महीनों के भीतर पूरा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसमें कई कारक और चुनौतियां शामिल हैं.

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