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भारत में अब भी कोरोना का डेल्टा वेरिएंट सबसे बड़ा खतरा

महाराष्ट्र-केरल जैसे राज्यों में बरपा रहा कहर

नई दिल्ली/दि.३- देश में कोरोना के मामलों में एक बार फिर वृद्धि दर्ज की जा रही है. कोरोना संक्रमण के मामले चालीस हजार से अधिक अमूमन दर्ज किया जा रहा हैं. ऐसे में द इंडियन सार्स, कोविड -2 जिनोमिक कानस्ट्रोरियम ने जीनोम सिक्वेंसिंग के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है कि देश में अब भी डेल्टा वायरस का संक्रमण सबसे अधिक है. डेल्टा वायरस के बाद डेल्टा प्लस का स्थान है. मिली जानकारी के मुताबिक देश में महाराष्ट्र, केरल और दक्षिण के कुछ राज्यों में सैंपल इकट्ठा किए गए. इनमें कुल 70,420 सैंपल लिए गए जिसमें 51,651 का जिनोम सिक्वेंसिंग किया गया. इनमें से 46473 सैंपल कम्यूनिटी से, 5178 ट्रैवलर्स से इकट्ठा किए गए. C.1.2 और MU (B.1.621) वेरिएंट ने विदेशों में काफी कहर बरपा रखा है. इसे डब्लूएचओ ने वेरिएंट आफ इंट्रेस्ट की श्रेणी में रखा है. साथ ही इस बात को लेकर आशंका जाहिर की है कि वैक्सीन के असर को भी यह कम करता है. इसी साल मई के महीने में C.1.2 वेरिएंट के सबसे अधिक मामले दक्षिण अफ्रीका, एशिया, यूरोप में पाए गए हैं. लेकिन भारत में अभी तक इस वेरिएंट की पुष्टी नहीं हो पाई है. इजरायल में AY.12 (डेल्टा प्लस के sub lineage) की वजह से मामले बढ़े हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने नित नए वेरिएंट को देखते हुए विदेशों से आने वाले लोगों के लिए खास तरह की पाबंदियों का ऐलान किया है. पहले यूके, यूरोप और मिडिल ईस्ट के लिए यह नियम लागू था, लेकिन अब इसमें सात और नए देशों को शामिल किया गया है जिसमें दक्षिण अफ्रीका, बंग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मारीसस, जिम्बाबे और न्यूजीलैंड शामिल है. यहां से आने वाले लोगों को 72 घंटे पहले का आरटीपीसीआर रिपोर्ट के अतिरिक्त भारत में दाखिल होने पर भी आरटीपीसीआर करवाना होगा.  वेरिएंट की बात करें तो 4228 अल्फा वेरिएंट, 219 बीटा वेरिएंट, 2 गामा वेरिएंट, 21449 डेल्टा वेरिएंट पाए गए हैं.

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