नई दिल्ली/ दि. 31 – कोरोना वायरस 2019 से दुनियाभर में तबाही मचा रहा है और इसके डेल्टा वेरिएंट ने संक्रमण को नियंत्रित कर चुके देशों की एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है. इस बीच वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस का अगला वेरिएंट बेहद ही घातक हो सकता है और यह हर तीन में से एक व्यक्ति की जान ले सकता है. ब्रिटिश सरकार के टॉप वैज्ञानिकों ने इस बात की जानकारी दी है. लंदन के साइंटिफिट एडवाइजरी ग्रुप फॉर इमरजेंसी यानी SAGE ने इसे लेकर दस्तावेज प्रकाशित किए हैं.
जिनमें चेतावनी दी गई है कि भविष्य में आने वाला स्ट्रेन मर्स वेरिएंट की तरह अत्यधिक घातक होगा, जिसमें इस समय 35 फीसदी मृत्यु दर है. सरकार के विशेषज्ञों के पैनल ने दावा किया है कि कोई खतरनाक वेरिएंट तब तैयार होता है, जब वायरस अपने चरम पर होता है, जैसा कि इस समय ब्रिटेन में देखने को मिल रहा है. देश में बड़े स्तर पर हुए टीकाकरण के बावजूद भी वायरस को रोक पाना मुश्किल होगा. इस सर्दी में बूस्टर वैक्सीन लगाने और संक्रमण को फैलने से रोकने पर म्यूटेंट वेरिएंट को रोकने में मदद मिल सकती है.
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वेरिएंट पर कब बेअसर हो सकती हैं वैक्सीन?
दस्तावेज में कहा गया है कि मंत्रियों को उन जानवरों को मारने या उनका टीकाकरण करने पर विचार करना चाहिए, जिनमें वायरस पनप सकता है. ताकि एक नए वेरिएंट को बनने से रोका जा सके, जो जानवरों से इंसानों में फैल सकता है. हालांकि SAGE की रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने केवल सुपर म्यूटेंट वेरिएंट को लेकर चेतावनी दी है लेकिन इसका नाम नहीं बताया गया. विशेषज्ञों ने कहा है कि अगर आने वाला वेरिएंट बीटा, अल्फा और डेल्टा का मिलाजुला रूप होता है, तो वैक्सीन भी उसपर बेअसर हो सकती हैं. इस प्रक्रिया को रिकॉम्बिनेशन कहते हैं, जिससे मृत्यु दर बढ़ सकती है.
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क्यों घातक हो सकता है नया वेरिएंट?
टीम ने स्वीकार किया है कि वैक्सीन तब तक काम करेंगी, जब तक कि कोई अतिरिक्त शक्तिशाली वेरिएंट उत्पन्न नहीं हो जाता. लेकिन वैक्सीन पूरी तरह बीमारी को नहीं रोक सकती हैं. लेकिन नया वेरिएंट इसलिए भी घातक हो सकता है क्योंकि वैक्सीन पूरी तरह प्रभावी नहीं होती हैं. राजनेताओं ने कहा कि इस रिपोर्ट से पता चलता है कि सरकार को ‘संतुष्ट नहीं होना चाहिए’ क्योंकि ब्रिटेन वर्तमान में महामारी की तीसरी लहर से बाहर आ रहा है. राजनेताओं ने कहा कि SAGE की रिपोर्ट से पता चलता है कि हमने अभी तक वायरस को नहीं हराया है. बता दें ब्रिटिश सरकार ने कोरोना वायरस पर नजर रखने, सरकार को सलाह देने और नए म्यूटेंट पर अध्ययन करने के लिए SAGE का गठन किया है.