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कोविड-19 से कुंवारे लोगों में मौत का खतरा ज्यादा

शोध ने बढ़ाई अनमैरिड लोगों की चिंता

नई दिल्ली/दि.११ – हेल्दी लाइफ के लिए शादीशुदा जीवन अब जरूरी हो गया है. महामारी के इस संकट काल में यह तर्क सच साबित होने लगा है. एक नई स्टडी के मुताबिक, कोविड-19 से कुंवारे लोगों में मौत का खतरा शादीशुदा लोगों की तुलना में ज्यादा होता है. स्वीडन की यूनिवर्सिटी ऑफ स्टॉकहोम के शोधकर्ताओं ने इसे लेकर चेतावनी भी दी है.
स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि कुंवारे लोगों के अलावा लो इनकम, कम पढ़े-लिखे और कम या मध्यम आय वाले देशों में कोरोना वायरस से मौत की संभावनाएं ज्यादा हैं. ये स्टडी स्वीडिश नेशनल बोर्ड ऑफ हेल्थ एंड वेलफेयर’ द्वारा स्वीडन में कोविड-19 से हुई रजिस्टर्ड मौतों के डेटा पर आधारित है.इस स्टडी में 20 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के लोगों को ही शामिल किया गया है. जनरल नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित इस स्टडी के लेखक स्वेन ड्रेफ्हाल कहते हैं, कोविड-19 से हुई मौतों के साथ कई बड़े फैक्टर्स मजबूती के साथ जुड़े हुए हैं.’रिपोर्ट के मुताबिक, अविवाहित यानी कुंवारे पुरुषों या महिलाओं में कोविड-19 से मौत का खतरा विवाहित लोगों की तुलना में डेढ़ से दो गुना ज्यादा होता है. इस लिस्ट में अनमैरिड, विधवा/विधुर और तलाकशुदा लोग भी शामिल हैं.रिपोर्ट में एक और बड़ा दावा ये भी हुआ है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कोविड-19 से मौत का खतरा दोगुने से भी ज्यादा है. इससे पहले हुई कुछ स्टडी में भी बताया गया था कि सिंगल या अनमैरिड लोगों की विभिन्न बीमारियों से ज्यादा मौतें होती हैं. इसके कुछ पहलुओं को उदाहरण देकर भी समझाया गया है.ड्रेफ्हाल कहते हैं, अक्सर जो लोग शुरुआत से ही किसी ना किसी बीमारी का शिकार रहते हैं, पार्टनर को लेकर उनमें जरा कम एट्रैक्शन देखने को मिलता है. यही वजह है कि ऐसे लोग आगे चलकर शादी में बहुत कम दिलचस्पी दिखाते हैं.ड्रेफ्हाल के मुताबिक, मैरिड कपल की तुलना में सिंगल लोगों को कम संरक्षित एनवायरनमेंट मिलता है. इसलिए, मैरिड कपल्स अनमैरिड लोगों से कम बीमार पडऩे के साथ एक स्वस्थ जीवन का आनंद ले सकते हैं. हमारे शोध में कोविड-19 से अनमैरिड लोगों में मौत की ज्यादा संभावना को इससे बेहतर समझा जा सकता है. बता दें कि कोरोना वायरस से अब तक पूरी दुनिया में 3 करोड़ 74 लाख से भी ज्यादा लोग शिकार हो चुके हैं. कोरोना का सबसे ज्यादा असर अमेरिका, भारत और ब्राजील जैसे देशों पर पड़ा है. अकेले अमेरिका और भारत में ही कोरोना के कुल डेढ़ करोड़ से ज्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है.

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