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डरपोक नेता कांग्रेस से चले जाएं

राहुल गांधी के इस बयान के क्या हैं मायने..

नई दिल्ली/दि. 16 – कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को पार्टी के सोशल मीडिया स्वयंसेवकों को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी को केवल साहसी लोगों की जरूरत है, न कि उन लोगों की जो भाजपा से डरते हैं. गांधी ने कहा, ‘बहुत सारे लोग कांग्रेस के बाहर हैं, जो डर नहीं रहे हैं, उनको अंदर लाओ. जो हमारे यहां डर रहे हैं, उनको बाहर निकालो.’ उन्होंने कहा कि हमें बहादुर और साहसी लोगों की जरूरत है, यही हमारी विचारधारा है. राहुल गांधी ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि पार्टी के साथ वफादार नहीं रहने पर कांग्रेस नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने में देर नहीं लगाने वाली है.
उन्होंने कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के पदाधिकारियों के साथ डिजिटल कार्यक्रम में कहा कि जो लोग डरे हुए थे वो कांग्रेस से बाहर चले गए. कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर दिया, ‘ये आरएसएस के लोग हैं और उन्हें बाहर जाना चाहिए, उन्हें आनंद लेने दीजिए. हम उन्हें नहीं चाहते हैं, उनकी जरूरत नहीं है. हमें निडर लोगों की जरूरत है. यही हमारी विचारधारा है. यही आप लोगों को मेरा बुनियादी संदेश है.’ ज्योतिरादित्य सिंधिया का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, ‘उन्हें अपना घर बचाना था, वह डर गए और आरएसएस के साथ चले गए.’
राहुल गांधी के इस बयान को हाल ही बीजेपी में शामिल हुए उनके करीबी जितिन प्रसाद से भी जोड़कर देखा जा रहा है. प्रसाद को गांधी परिवार का करीबी माना जाता था. यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब पंजाब कांग्रेस में कलह मचा हुआ है. इसके अलावा पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों के लिए उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और गुजरात जैसे राज्यों के लिए कमर कस रही है. ऐसे में राहुल का यह बयान उन नेताओं के लिए काफी अहम हो जाता है, जो लगातार प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठाते रहे हैं.
कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं का समूह जी-23 जो पिछले कुछ समय से पार्टी की कार्यप्रणाली पर निशाना साधते रहे हैं, उनके लिए भी राहुल का यह बयान एक स्पष्ट संकेत है. गौरतलब है कि हाल ही में जी-23 के सदस्य और पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए हैं. इससे कुछ ही समय पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कांग्रेस से नाराज होकर भाजपा का दामन थाम लिया था. दिलचस्प बात यह रही कि कुछ ही दिनों पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुई फेरबदल में सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्रालय की कमान सौंपी गई है.

राहुल गांधी का बयान उन नेताओं पर सीधा हमला है जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं. अपने संबोधन में राहुल गांधी ने साफ तौर पर सिंधिया का नाम भी लिया. दरअसल सिंधिया के साथ उनके समर्थक विधायकों ने भी पाला बदल लिया था, जिसके बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार को अपना बहुमत खोकर सत्ता से हाथ धोना पड़ा था और फिर शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में भाजपा सरकार ने राज्य की बागडोर संभाली. हालांकि राहुल के बयान में जितिन प्रसाद का जिक्र नहीं था, लेकिन फिर भी उनके बातों के पीछे का मतलब साफ समझा जा सकता है. यहां एक और बात जानने योग्य है कि एक समय में राहुल गांधी के बेहद करीबी नेताओं में सिंधिया और जितिन की गिनती होती थी.
राहुल गांधी का ताजा बयान कांग्रेस के उन नेताओं के लिए कड़ा संदेश है जो समय-समय पर बागी तेवर दिखाकर कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी करते रहते हैं. पंजाब में पिछले काफी दिनों से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवाद ने प्रदेश कांग्रेस को दो गुटों में बांट दिया है और वो भी ऐसे समय में जबकि यहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. पार्टी लगातार मामले को सुलझाने की कोशिश में लगी है, लेकिन सिद्धू और अमरिंदर दोनों ही झुकने को तैयार नहीं हैं. राजस्थान में भी सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विवाद रह-रहकर सामने आ ही जाता है. एक बार तो पायलट ने अपने समर्थक विधायकों के साथ पार्टी को छोड़ने का संकेत दे दिए थे, लेकिन पार्टी आलाकमान के दखल के बाद दोनों नेताओं ने फिर हाथ मिला लिए. हालांकि प्रदेश कांग्रेस में अब भी सब ठीक है, ऐसा कहीं से भी नहीं लगता. तो ऐसे में कांग्रेस सांसद ने अपने बयान के माध्यम से स्पष्ट संदेश दिया है कि पार्टी अब बागी तेवरों को बिल्कुल सहन नहीं करेगी.

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