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7 वर्षों में दुगने बढ़ गए सिलेंडर के दाम

केरोसीन भी महंगा, पेट्रोल और डीजल ने किया बेहाल

नई दिल्ली/दि.१० –  सरकार ने स्वयं माना कि पिछले सात वर्षों में घरेलू रसोई गैस की कीमतें दोगुनी होकर 819 रुपए प्रति सिलेंडर पर पहुंच गई हैं. पेट्रोलियम मंत्रालय ने तेल की बढ़ती कीमतों पर सवालों के लिखित जवाब में बताया कि इस मूल्य वृद्धि के साथ ही पेट्रोल और डीजल पर कर में बढ़ोतरी से कलेक्शन में 459 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है. घरेलू गैस की खुदरा बिक्री कीमत एक मार्च 2014 को 14.2 किलोग्राम वाले सिलेंडर की कीमत 410.50 रुपए थी. जबकि इस महीने सिलेंडर की कीमत 819 रुपए पर पहुंच गई है.
बता दें कि इस साल अब तक घरेलू सब्सिडी वाला सिलेंडर 225 रुपए महंगा हुआ है. दिसंबर 2020 में घरेलू एलपीजी सिलेंडर 594 रु पए का था. पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के तहत गरीबों को मार्च 2014 में एक लीटर केरोसीन 14.96 रुपए पर मिल रहा था, लेकिन अब इसकी कीमत बढ़कर 35.35 रुपए हो गई है.
पेट्रोल-डीजल पर बढ़ा कर संग्रह लोकसभा में बताया गया कि मौजूदा समय में सरकारी क्षेत्र की ऑयल मार्केटिंग कंपनियां अंतरराष्ट्रीय उत्पाद की कीमत, एक्सचेंज रेट, टैक्स स्ट्रक्चर, इनलैंड फ्राइट के आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमत तय करती हैं. 2013 में दोनों ईंधन पर जमा टैक्स 52,537 करोड़ रु पए था, जो 2019-20 में बढ़कर 2.13 लाख करोड़ रुपए हो गया. वहीं वित्त वर्ष 2020-21 के 11 महीनों में कर संग्रह बढ़कर 2.94 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है. आज नहीं बढ़ाई कीमत ज्ञात हो कि सरकार ने आज सरकारी तेल कंपनियों की ओर से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की. दिल्ली में पेट्रोल का दाम 91.17 रुपए जबकि डीजल का दाम 81.47 रु पए प्रति लीटर है. वहीं मुंबई में पेट्रोल की कीमत 97.57 रुपए व डीजल की कीमत 88.60 रुपए प्रति लीटर है.

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