DCGI ने जायडस कैडिला को दो डोज वाली वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल के लिए दी मंजूरी
तीन खुराक वाले टीके की कीमत पर बातचीत जारी
नई दिल्ली/दि. 5 – ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने स्वदेशी फार्मा कंपनी जायडस कैडिला को इसकी दो डोज वाली कोविड-19 वैक्सीन जायकोव-डी (ZyCoV-D) के लिए फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है. कंपनी ने एक बयान में बताया, “दो डोज वाली कोविड वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल को मंजूरी मिल गई है.” ZyCoV-D कोविड-19 के खिलाफ दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन है. जायकोव-डी पहली स्वदेशी वैक्सीन भी है, जिसका ट्रायल बच्चों पर भी किया गया. इसके तीन डोज वाली वैक्सीन को अगस्त में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई थी. अंतरिम क्लीनिकल ट्रायल डेटा में कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावी क्षमता 66 फीसदी बताई गई. हालांकि कंपनी ने अब तक अपनी स्टडी की विस्तृत जानकारी साझा नहीं है या इसे पीयर रिव्यू के लिए नहीं भेजा है. भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने तीन डोज वाली वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद कहा था कि इस टीके का तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल 28,000 से अधिक लोगों पर किया गया. इसमें लक्षण वाले आरटी-पीसीआर पॉजिटिव मामलों में 66.6 प्रतिशत प्रभावकारिता दिखी. यह कोविड-19 के लिए भारत में अब तक का सबसे बड़ा टीका परीक्षण है. यह वैक्सी पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में भी काफी प्रभावी देखा गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत ने कोविड-19 के खिलाफ दुनिया का पहला डीएनए टीका विकसित किया है, जिसे 12 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को लगाया जा सकता है.
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कीमत घटाने को लेकर बातचीत जारी
तीन डोज वाली वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद भी अभी तक देश में इसका इस्तेमाल शुरू नहीं हो पाया. कुछ दिनों पहले सरकार ने कहा था कि जायडस कैडिला की कोविड-19 वैक्सीन लोगों के लिए उपलब्ध कराने की तैयारी चल रही है, हालांकि कीमत एक “स्पष्ट मुद्दा” है. कंपनी ने वैक्सीन की तीन डोज के लिए 1,900 रुपए कीमत तय की है, लेकिन सरकार दाम घटाने को लेकर बातचीत कर रही है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने कहा था, “बातचीत चल रही है और जल्द ही एक निर्णय लिया जाएगा. पूरी तैयारी के साथ, यह देश के राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा बन जाएगी.” कंपनी के मुताबिक, जायकोव-डी एक प्लाज्मिड डीएनए टीका है. प्लाज्मिड इंसानों में पाए जाने वाले डीएनए का एक छोटा हिस्सा होता है. ये टीका इंसानी शरीर में कोशिकाओं की मदद से कोरोना वायरस का ‘स्पाइक प्रोटीन’ तैयार करता है जिससे शरीर को कोरोना वायरस के अहम हिस्से की पहचान करने में मदद मिलती है. इस प्रकार शरीर में इस वायरस का प्रतिरोधी तंत्र तैयार किया जाता है.