देश दुनिया

सोनिया गांधी फिलहाल पार्टी की बनी रहेगी अंतरिम अध्यक्ष

कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में लिया गया फैसला

  • अगले ४-५ माह में लिए जाएंगे चुनाव

नई दिल्ली/दि.२४- पूरे दिनभर के घमासान के बाद कांग्रेस कार्यसमिति में सर्वसम्मत से निर्णय लिया गया कि सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के पद पर बनी रहेंगी. अध्यक्ष पद के लिए चुनाव अगले 4-5 महीने में होगें. वहीं बैठक में यह भी तय किया गया कि अब कांग्रेस (Congress) का सदस्यता अभियान भी शुरू किया जाना चाहिए.
बता दें कि कांग्रेस में नेतृत्व संकट के बीच आज कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक चल रही थी. इस दौरान नेतृत्व के सवाल पर खुलकर बात हुई. बैठक के दौरान पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कहा था कि वो अब आगे पार्टी अध्यक्ष नहीं बने रहना चाहती हैं. लेकिन कई नेताओं ने उन्हें पद पर बने रहने की अपील की थी.
गौरतलब है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफे की बात कही थी. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी को नया अध्यक्ष चुनने के लिए भी कहा था. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh), एके एंटनी समेत कई नेताओं ने सोनिया गांधी से पद पर बने रहने की अपील की थी.
जानकारी के मुताबिक CWC की ये बैठक सोनिया गांधी को करीब 2 हफ्ते पहले लिखी गई एक चिट्ठी की प्रतिक्रिया के तौर पर बुलाई गई थी. कम से कम 23 नेताओं जिनमें CWC के सदस्य, PA सरकार में मंत्री रहे नेता और सांसदों ने सोनिया गांधी को संगठन के मसले पर चिट्ठी लिखी थी. चिट्ठी में सशक्त केंद्रीय नेतृत्व के साथ पार्टी को चलाने की सही रणनीति पर जोर दिया गया था. इसमें कहा गया था कि नेतृत्व ऐसा हो जो सक्रिय हो और जमीन पर काम करता दिखे.
इससे पहले पूरे दिनभर के घटनाक्रम पर नजर डाले तो राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पहले तो पत्र लिखने के समय पर सवाल उठाए. इसके बाद उन्होंने पत्र लिखने वाले कांग्रेसी नेताओं को भाजपा से मिला हुआ बता दिया.
इसपर पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने अपना विरोध जताया. कुछ देर बाद पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने सफाई दी और कहा कि राहुल ने ऐसा कुछ नहीं कहा है. इसके अलावा सोनिया गांधी ने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की. बैठक की शुरुआत में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की. उन्होंने कहा कि मुझे रिप्लेस करने की प्रक्रिया शुरू की जाए. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने सोनिया गांधी से अगला पार्टी अध्यक्ष चुने जाने तक पद पर बने रहने की अपील की.
बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि ऐसा (पार्टी नेतृत्व में सुधारों के लिए सोनिया गांधी को पत्र) भाजपा के साथ मिलीभगत की वजह से किया गया. इसपर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने जवाब देते हुए कहा, राहुल गांधी का कहना है कि हम भाजपा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. मैंने राजस्थान उच्च न्यायालय में कांग्रेस पार्टी का सही पक्ष रखा. भाजपा (BJP) सरकार को गिराने के लिए मणिपुर में पार्टी का बचाव किया. पिछले 30 सालों में कभी भी किसी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में बयान नहीं दिया. फिर भी हम भाजपा से मिले हो सकते हैं.
पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि यदि राहुल गांधी का भाजपा के साथ मिलीभगत वाला बयान साबित हो जाता है तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
राहुल गांधी ने नेतृत्व में बदलाव को लेकर पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधते हुए इसे भाजपा के साथ मिलीभगत करार दिया. इसपर पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सफाई में कहा, श्री राहुल गांधी की बात का वो मतलब नहीं था और न ही उन्होंने ऐसा कहा. कृपया झूठी मीडिया बातचीत या गलत सूचना के प्रसार से भ्रमित न हों. लेकिन हां, हम सभी को एक साथ मिलकर मोदी सरकार के खिलाफ लडऩा है न कि एक-दूसरे को चोट पहुंचाने या कांग्रेस के खिलाफ.
राहुल गांधी के बयान पर नाराज होकर इस्तीफा देने की बात कहने वाले गुलाम नबी आजाद ने अब सुर बदल लिए हैं. आजाद ने कहा, राहुल गांधी ने यह कभी नहीं कहा, न ही सीडब्ल्यूसी में और न बाहर कि यह पत्र भाजपा से मिलीभगत में लिखा गया था.

Related Articles

Back to top button