नई दिल्ली/दि.३ – महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही है. ईडी की पूछताछ में निजी सचिव संजीव पलांडे ने कबूल किया है कि पुलिस और खासकर आईपीएस अधिकारियों के तबादलों में अनिल देशमुख का हाथ था. 4 मार्च को ज्ञानेश्वरी में बैठक हुई थी, जिसमें मुंबई के बार मालिकों से हर महीने 100 करोड़ रुए वसूलने का आदेश दिया गया था. देशमुख परिवार का नागपुर में एक चैरिटेबल ट्रस्ट साई शिक्षण संस्था भी चलाता है. इस ट्रस्ट में 4.18 करोड़ चेक एंट्री की गई है. पैसा दिल्ली की कंपनी मेसर्स रिलायबल फाइनेंस कॉर्पोरेशन, मेसर्स वीए रियल कॉम, मेसर्स उत्सव सिक्योरिटी प्रा. लि., और मे. शीतल लीजिंग एंड फाइनेंस प्रा. लि. से आया है.
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नागपुर ट्रस्ट को 4.18 करोड़ ट्रांसफर किए
ईडी की जांच में सामने आया है कि यह कंपनियां फर्जी हैं और इसका इस्तेमाल पैसा बनाने के लिये किया जाता है. इन कंपनियों के निदेशक दो भाई सुरेन्द्र जैन और वीरेन्द्र जैन हैं. उन्होंने धंदे के नाम पर देशमुख के नागपुर ट्रस्ट को 4.18 करोड़ रुपए ट्रांसफर किये. इस राशि से देशमुख के कुछ लोगों के पास नकदी आयी. ईडी का दावा है कि इस रकम का भुगतान पलांडे और कुंदन शिंदे ने किया.
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6 निदेशकों के बयान दर्ज
ईडी की जांच में सामने आया कि अनिल देशमुख और उनके परिवार के सदस्यों के नियंत्रण की मेसर्स कंटेम्परेरी सिक्योरिटी प्रा. लि., ग्रीनलैंड बिल्डस्पेस, मेसर्स सबलाइम वेयरहाऊसिंग, मे. विश्वेश लॉजिस्टिक्स, ट्वोटेल्स सूट एवं मेसर्स मृगतृष्णा ट्रेडिंग प्रा. लि. समेत सात कंपनी थी. इन सात के अलावा करीब 13 अन्य कंपनियों की जांच चल रही है.इस मामले में ईडी ने 6 जगहों पर छापेमारी की थी. इन कंपनियों के 6 निदेशकों और दो सीए के जवाब दर्ज किये गये हैं.
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इडी, सीबीआई को सरकारों को हटाने में खुद को संलिप्त नहीं करना चाहिए – राऊत
उधर शिवसेना नेता संजय राऊत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सरकारों को सत्ता से बेदखल करने में अपने आप को शामिल नहीं करना चाहिए और उन्होंने आरोप लगा या कि जिन लोगों ने महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाई, उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.एमवीए सकार के घटक दलों शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा के बीच मतभेद की अटकलों के बीच राऊत ने कहा कि भाजपा का गठबंधन को कमजोर करने की कोशिशों के बावजूद सरकार को कोई खतरा नहीं है शिवसेना के राज्यसभा सदस्य ने यह भरोसा भी जताया कि विपक्षी दल के सर कार के अस्तित्व को लेकर संदेह और अनिश्चितता पैदा करने की कोशिश के बावजूद एमवीए राज्य विधानसभा के अध्यक्ष पद का चुनाव जीतेगा.