अहमदनगर/दि.३०– अनशन समाजसेवी अन्ना हजारे अब महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धि में अनिश्चितकालीन अनशन पर नहीं बैठेंगे. दरअसल, केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी और देवेंद्र फडणवीस की ओर से अन्ना हजारे को अनशन पर बैठने से रोकने के लिए बातचीत सफल रही है. अन्ना 30 जनवरी से अनशन पर बैठने वाले थे.
अन्ना की मांगों को सरकार ने माना है और समिति गठित कर 6 महीने में उस पर निर्णय लेने का फैसला किया है, जिसकी वजह से अन्ना शनिवार से अपने अनशन पर बैठने के फैसले को वापस ले लिया है. पिछले कुछ दिनों से लगातार बीजेपी नेता अन्ना हजारे से संपर्क में थे. शुक्रवार की बैठक में और मांगों को मानने के बाद बीजेपी अन्ना को मनाने में सफल रही है.
अन्ना हजारे ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा था, ‘मैं कृषि क्षेत्र में सुधारों की मांग करता रहा हूं, लेकिन केंद्र सही फैसले लेते नहीं दिख रहा है. किसानों को लेकर केंद्र कतई संवेदनशील नहीं है, इसीलिए मैं 30 जनवरी से अपने गांव में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर रहा हूं. हजारे (83) ने अपने समर्थकों से अपील भी की थी कि वे कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए अहमदनगर जिले में स्थित उनके गांव में एकत्र नहीं हों.
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच गणतंत्र दिवस पर किसानों ने परेड निकाली थी, जिसमें लाल किले पर हुड़दंग और जमकर हिंसा हुई थी. इस हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. इसके अलावा एक ट्रैक्टर ड्राइवर की मौत हो गई थी. राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन का रंग फीका पड़ गया. कई संगठनों ने अपने पैर पीछे खींच लिए. वहीं, पुलिस एक्शन मूड में दिखाई दे रही है. दिल्ली से सटी सीमाओं पर भारी पुलिस बल तैनात है.