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आमने-सामने की राजनीति करो, परिजनों पर हमले क्यों

सांसद सुप्रीया सुले ने दी केंद्र सरकार को चुनौती

नई दिल्ली/दि.10- यदि राजनीति करनी ही है, तो आमने-सामने की राजनीति की जानी चाहिए. विपक्षी दलों के नेताओं की पत्नी व बच्चों सहित उनके परिजनों को कार्रवाई का निशाना क्यों बनाया जा रहा है. इस आशय का सवाल उपस्थित करते हुए राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने केंद्र सरकार को घेरने का प्रयास किया.
सीवीसी बिल व दिल्ली एस्टॅब्लिशमेंट विधेयक पर अपने विचार रखते हुए सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि, केंद्र सरकार द्वारा ईडी व सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों का जमकर दुरूपयोग किया जा रहा है और केवल विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ ही छापे की कार्रवाई की जा रही है. पहले इस तरह के छापे केवल राजनीतिक दलों के नेताओं व पदाधिकारियों पर ही की जाती थी, किंतु अब यह कार्रवाई नेताओं की पत्नियों व बच्चों के खिलाफ भी की जा रही है, जो पूरी तरह से गलत है. ऐसे में यदि सरकार व विपक्षी नेताओ के साथ अपनी खुन्नस निकालनी ही है, तो आमने-सामने की राजनीति की जानी चाहिए. इस तरह परिजनों को कार्रवाई के लपेटे में लेना बंद किया जाना चाहिए.

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