नई दिल्ली/दि.18– यवतमाल और छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर में होने वाली धार्मिक रैली में द्वेषपूर्ण भाषण न होने बाबत सावधानी रखने के आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को दोनों जिलों के जिलाधिकारी व जिला पुलिस अधीक्षक को दिये है.
शाहीन अब्दूल्ला की प्रलंबित याचिका पर सुनवाई के समय न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने इस रैली पर पाबंदी लगाने से इंकार किया. लेकिन इस समय संपूर्ण रैली का वीडियो रिकॉर्डिंग करने सहित मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश यवतमाल और रायपुर के जिलाधिकारी व जिला पुलिस अधीक्षक को दिये. यवतमाल में आज हिंदू जनजागृति समिति की तथा राजपुर में 19 से 25 जनवरी के दौरान भाजपा विधायक टी. राजा की भी रैली होने वाली है. इस अवसर पर द्वेषपूर्ण भाषण होने की संभावना याचिकाकर्ता द्वारा दर्शायी गई थी.
* संभावना के आधार पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से विधिज्ञ कपील सिब्बल व निजाम पाशा ने द्वेषपूर्ण भाषण पर कोई भी कार्रवाई न होने की बात कही. कुछ अवसर पर आपत्तिजनक वक्तत्व हुए है. इस पर पुलिस में मामले भी दर्ज किये है. लेकिन संभावना के आधार पर रैली पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती. हिंसक परिस्थिति निर्माण होने पर कार्रवाई के आदेश दिये जाएंगे, ऐसा भी न्यायमूर्ति खन्ना ने स्पष्ट किया.