देश दुनिया

आतिशबाजी पर पूरी तरह रोक नहीं

सिर्फ बेरियम सॉल्ट वाले पटाखों पर बैन, ग्रीन पटाखे बेचे जा सकेंगे

नई दिल्ली/दि.२९-पटाखों के बैन (Firecrackers Ban) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का अंतरिम आदेश शुक्रवार को आ गया. अंतरिम आदेश के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की लड़ियों के बनाने और बेचने पर पूरी तरह रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे पटाखे जिनका निर्माण हो चुका है और कोर्ट के आदेश के अनुसार नहीं बने हैं, उनको दिल्ली-एनसीआर में बेचने की इजाजत नहीं होगी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है, सिर्फ बेरियम सॉल्ट वाले पटाखे प्रतिबंधित हैं. ग्रीन पटाखे (Green Firecrackers) ही बनाए, बेचे और जलाए जा सकते हैं. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फ्लिपकार्ट, अमेजन समेत दूसरी ऑनलाइन ई कॉमर्स कंपनी पटाखों की ऑनलाइन बिक्री नहीं कर सकेंगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा अगर कोई ई कॉमर्स कंपनी पटाखों की बिक्री करती है तो उसके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला चलाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा दीवाली और अन्य त्योहारों जैसे गुरुपर्व वगैरह पर 8 से 10 बजे रात तक बजाए जा सकेंगे. क्रिसमस की रात और नए साल के अवसर पर 11.55 बजे से 12:30 बजे तक पटाखा बजाने की इजाजत होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के आदेश के उल्लंघन की स्थिति में राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, जिले के एसपी, डीएम, थाना प्रभारी जैसे अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह माना जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के आदेश का राज्य सरकार व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने में राज्य सरकार, केंद्र शासित प्रदेशों और एजेंसियों की किसी भी तरह की चूक को बेहद गंभीरता से देखा जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों के प्रतिबंध के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए सभी राज्य सरकार/ केंद्र शासित प्रदेश, इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट मीडिया, स्थानीय केबल सेवाओं के माध्यम से उचित प्रचार करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार/ राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश/ स्कूल/ कॉलेज पटाखों से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता कैंपेन चलाए.

आदेश का पालन नहीं करने पर पटाखा बनाने वाली कंपनी का लाइसेंस होगा रद्द

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा PESO सुनिश्चित करेगा कि कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर पटाखा बनाने वाली कंपनी का लाइसेंस रद्द हो और ऐसे पटाखों के डिपॉज़ल हो. इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर सख्त नाराजगी जताई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी राज्यों को प्रतिबंधित पटाखों पर लगी पाबंदी को लागू करना होगा. इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि प्रतिबंधित पटाखों को बेचने वालों के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दे सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि पटाखों पर उसके द्वारा रोक लगाना किसी समुदाय या किसी समूह विशेष के खिलाफ नहीं है.

 

Related Articles

Back to top button