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सप्ताह में 48 घंटे ड्यूटी जरूरी

रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए फैसला

नई दिल्ली/ दि. 23 – रेजिडेंट डॉक्टरों की वर्षो से लंबित मांग को आखिरकार स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने स्वीकार कर लिया है. मंगलवार को युनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट (यूडीएफ) के साथ डीजीएचएस की मंगलवार को हुई बैठक में उचित ड्यूटी आवर्स जैसे अस्पष्ट शब्द के बजाय सप्ताह में 48 घंटे निश्चित ड्यूटी घंटों का स्पष्ट उल्लेख करने की सहमति दी है.
डीजीएचएस के साथ यहां निर्माण भवन में हुई बैठक के बाद यूडीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. लक्ष्य मित्तल ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि केंद्रीय रेजीडेंसी स्कीम 1992 के क्रियान्वयन को लेकर यह महत्वपूर्ण बैठक थी. डीजीएचएस ने हमारी मांग स्वीकार करते हुए सप्ताह में 48 घंटे निश्चित ड्यूटी घंटों का स्पष्ट उल्लेख करने पर सहमति दी है. यह एक महत्वपूर्ण कदम है. जिससे देशभर के सभी सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों में समान कार्य समय सुनिश्चित हो सकेगा. इसके अलावा डीजीएचएस ने प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में 1992 के निर्देशोंं को प्रदर्शित करने और हर वर्ष कम से कम पांच दिन पारिवारिक / अवकाश देने की हमारी सिफारिशो को भी सकारात्मक रूप से स्वीकार किया गया.

* निर्णय स्वागत योग्य : मित्तल
यूडीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्तल ने कहा कि डीजीएचएस ने एक और स्वागत योग्य निर्णय लेते हुए 1992 के अनुसार तय की गई पुरानी अलाउंसेज (जैसे बुक अलाउंस आदि) को वर्तमान दरों के अनुसार बढाने की मंजूरी दी है, जो समय की मांग थी. यूडीएफ ने सुझाव दिया था कि प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में तिमाही या छमाही ऑडिट किया जाए. ताकि निर्देशों के अनुपालन की निगरानी हो सके. हालांकि दंडात्मक प्रावधानों या जिम्मेदारी तय करने को लेकर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि इन सुधारों को सख्ती से और शीघ्र्रता से लागू किया गया तो देशभर के रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए एक ऐतिहासिक बदलाव होगा.

 

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