कुंभमेले में महाराष्ट्र के बौनी बाबा लाखों रुद्राक्ष का मुकुट पहननेवाले साधू
धार्मिक कार्य देखने के लिए होती है श्रद्धालुओं की भारी भीड
लखनऊ/दि. 11– उत्तर प्रदेश में प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरु होनेवाले महाकुंभ मेले के लिए देश-विदेश से असंख्य साधू-संत आते है. यह श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन गए है.
एक साधू ने सवा दो लाख रुद्राक्ष से बनाया मुकुट पहना है तथा दूसरा साधू लगातार 8 वर्ष हाथ उपर रख तपस्या कर रहा है. ऐसे विभिन्न तरीके के व्यक्ति महाकुंभ मले के लिए आ गए है. महाराष्ट्र के पंढरपुर से आए और केवल ढाई फूट उंचाईवाले अवधूत बौनी बाबा (75) के प्रति भी काफी उत्सुकता है. देश-विदेश से आए साधू-संतों ने महाकुंभ मेले के स्थल पर अपनी साधना प्रारंभ की है. वह कर रहे धार्मिक कार्य देखने के लिए श्रद्धालुओं की बडी भीड हो रही है. अवधूत बौनी बाबा यह दत्तात्रय भगवान के उपासक है.
* एक हाथ उठाकर 8 वर्ष तपस्या
– मध्यप्रदेश से आए महाकाल गिरी को ‘कडे बाबा’ नाम से पहचाना जाता है. उन्होंने उम्र के 8 वें वर्ष से एक हाथ उठाकर तपस्या की शुरुआत की. वह किसी भी घर में नहीं बल्कि खुले आसमान के नीचे रहते है.
– उनके हाथों के नख 7 से 8 सेंटीमीटर बढ गए है. गौरक्षण के लिए कडा कानून करने की उनकी मांग है.
– महाकुंभ मेले के लिए पंजाब के कोटकापुरा से श्री महंत गितानंद गिरी आए है. उन्होंने सवा दो लाख रुद्राक्ष बनाई माला का मुकुट पहन रखा है.