
हिं.स./दि.१८
पिंपरी – राज्य के लगभग ३७ शक्कर कारखानों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है. इन कारखानादारों को बैंकों ने कर्ज देने से नकार दिया है. जिसमें अब सीजन में उन्हें कारखाना शुरु करने के लिए परेशानी का सामना करना पड रहा है. कारखाना के मालिकों ने राज्य सरकार से कर्जे की ग्यांरटी देने की मांग की है. काराखाना संगठना द्वारा राज्य सरकार से मांग की गई. गत पिछले कई वर्षो से राज्य में अच्छी बारिश होने की वजह से गन्ने की फसल ११ लाख हेक्टयर तक पहुंच गई है. पिछले वर्ष सीजन में गन्ने की उपलब्धता कम होने की वजह से केवल ५५०.१७ लाख हेक्टयर गन्ने की गलाई की गई थी. उसी प्रकार इसमें १४४ शक्कर कारखानों का समावेश था. इन दोनो ही सीजन में राज्य में ९५२ लाख गन्ने की गलाई हुई थी. इस साल भी गन्ने की फसल अच्छी होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. इस बाबत राज्य सहकारी शक्कर कारखाने महांसघ के व्यवस्थापकिय संचालक संजय खताल ने कहा कि, सोलापुर, कोल्हापुर, पुणे, बीड, नांदेड, औरंगाबाद, जालना विभाग के ३७ शक्कर कारखानों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इसीलिए बैंक इन्हें कर्ज दें, व इसकी ग्यांरटी सरकार ले ऐसा प्रस्ताव महासंघ की ओर से दिया गया था. महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के प्रशासकीय मंडल के अध्यक्ष विद्याधर अनासकरक ने कहा कि, कारखानों का मूल्य और नेट डिस्पोजल रिसोर्स खडा रहने पर पतसंस्था इसमें दखल न दे. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और नेशनल बैंक फॉर रुरल डेवलपमेंट के भी आदेश है. जिसमें राज्य सरकार की ग्यारंटी के बिना पूर्तता न की जाए. शक्कर आयुक्त की अध्यक्षता में समिती का गठन किया गया था जिसमें राज्य के ३७ कारखानों में से सिर्फ चार कारखानें पात्र दर्शाए गए.