नई दिल्ली/दि.२७ – केंद्रीय बजट से पहले संसद में 2020-21 की इकोनोमिक सर्वे रिपोर्ट पेश की जाएगी, केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश होना है. इकोनोमिक सर्वे रिपोर्ट पेश होने के साथ ही बजट सत्र की शुरुआत होगी. जाहिर है, यूनियन बजट पेश होने से देश के स्टॉक मार्केट में उतार चढ़ाव तेजी से होगा. लोगों की निगाह इस बार महामारी की वजह से पटरी से उतरी आर्थिक स्थिति से उबरने के लिए सरकार द्वारा किए जाने वाले प्रयासों पर टिकी हैं. खासतौर से व्यापारियों के लिए ये वित्तीय वर्ष बेहद खास रहने वाला है.
ये एक महत्वपूर्ण इकोनॉमिक रिपोर्ट कार्ड है. इसका काम अर्थव्यवस्था के सभी पहलुओं को देखते हुए विस्तार से स्टैटिस्टिकल डेटा मुहैया कराना है. इसको फाइनेंस मिनिस्ट्री के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर इसे बनाता है. नियम और कायदे के मुताबिक सरकार सर्वे पेश करने की बाध्यता नहीं है. ये प्रक्रिया का एक हिस्सा है. इसके अलावा सर्वे में जिन सुधारों की अनुशंसा की गई है. उन्हें भी सरकार मानने के लिए बाध्य नहीं है. इस सर्वे में देश की अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण और चुनौतियों पर चर्चा की जाती है. इनमें सुधारों की सिफारिश की जाती है. जबकि बजट में कमाई और खर्च का एक अनुमान होता है. इसमें योजनाओं के लिए फंड का आवंटन होता है.