‘पढ़े-लिखे नौजवान सड़क किनारे पकौड़ा तलने पर मजबूर
रोजगार को लेकर राहुल गांधी का केंद्र सरकार पर निशाना
नई दिल्ली/दि.२९-कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश में रोजगार की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि पढे़ लिखे युवा सड़क किनारे पकौड़े तलने पर मजबूर हैं. उन्होंने ट्विटर पर एक न्यूज रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, ‘पढ़े-लिखे नौजवानों के माता-पिता उन्हें रिक्शा खींचने या मजदूरी करने या सड़क किनारे पकौड़े तलने पर मजबूर होता देख रहे हैं. भविष्य छीनकर मोदी सरकार ने उन्हें आत्मनिर्भर कर दिया.’
राहुल गांधी ने रोजगार को लेकर हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा था. ‘टॉयकैथॉन-2021’ के प्रतियोगियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संवाद के बाद पिछले गुरुवार को उन पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा था कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग के क्षेत्र में रोजगार देने वाले ही बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ध्यान भटकाकर देश के भविष्य के साथ खेल रहे हैं.
इससे पहले आज दिन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं को लेकर कहा, ‘वित्त मंत्री के ‘आर्थिक पैकेज’ से कोई परिवार अपने रहने-खाने-दवा-बच्चे की स्कूल फीस का खर्च वहन नहीं कर सकता. पैकेज नहीं, एक और ढकोसला!’
वहीं पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा, ‘कुछ बुनियादी सच्चाई: कोई बैंकर कर्ज के बोझ तले दबे कारोबार को ऋण नहीं देगा. कर्ज के बोझ से दबे या नगदी की किल्लत का सामना कर रहे कारोबार अब और अधिक कर्ज नहीं चाहते. उन्हें कर्ज से इतर पूंजी की जरूरत है.”
लोगों के हाथ में पैसे दिए जाएं- चिदंबरम
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ”उस स्थिति में मांग (उपभोग) से अर्थव्यवस्था में गति नहीं आएगी जहां नौकरियां खत्म हो गई हों और आय कम हो गई हो. इस संकट का एक समाधान यह है कि लोगों के हाथ में पैसे दिए जाएं, खासकर गरीबों और मध्यम वर्ग की मदद की जाए.”
निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कोविड महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए की ऋण गारंटी योजना समेत विभिन्न उपायों की घोषणा की थी. साथ ही उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र के लिए आपात ऋण गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत सीमा 50 प्रतिशत बढ़ाकर, 4.5 लाख करोड़ रुपए किए जाने का ऐलान भी किया था.