लखनऊ/दि.५- हाथरस गैंगरेप केस को लेकर उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार (ADG Law and Order Prashant Kumar) ने कहा है कि पोस्टर और सोशल मीडिया के जरिए माहौल बिगाडऩे की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि जातीय हिंसा फैलाने की नीयत से सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. पीडि़त परिवार के घर के आसपास भ्रामक सूचनाओं के जरिए उन्माद फैलाने का प्रयास किया जा रहा है.
एडीजी ने कहा कि माहौल बिगाडऩे का प्रयास कर रहे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. कुछ लोगों ने हाथरस की घटना को लेकर अमन-चैन बिगाडऩे का प्रयास किया है. वायरल ऑडियो के जरिए भी माहौल बिगाडऩे की कोशिश की गई है. उन्होंने कहा कि पहला मुकदमा हाथरस के चंदपा थाने में दर्ज हुआ है. हाथरस में तैनात अधिकारियों से उलझने, बैरिकेडिंग तोडऩे के मामले में भी मुकदमा दर्ज किया गया है.
यूपी के एडीजी ने कहा कि एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी एक एफआईआर दर्ज की गई है. हाथरस गेट, थाना सासनी के साथ ही बुलंदशहर, प्रयागराज, अयोध्या, लखनऊ कमिश्नरेट में कुल 13 एफआईआर दर्ज की गई हैं. लखनऊ में आपत्तिजनक पोस्टर लगाने पर दो आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं. उन्होंने कहा कि साजिश के तहत यूपी का माहौल बिगाडऩे की कोशिश की गई है.
प्रशांत कुमार ने दावा किया कि साल 2019 में महिलाओं से संबंधित आपराधिक मामलों में अभियुक्तों को सजा दिलाने में यूपी प्रथम रहा. सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है. कई एजेंसियां इस मामले में जांच कर रही हैं. उन्होंने कहा कि हाथरस में पीडि़ता के भाई के बयान और एफआईआर के आधार पर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.
एडीजी ने कहा कि सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है. सियासी दलों के प्रतिनिधियों को लेकर उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण राजनीतिक दलों के पांच प्रतिनिधियों को पीडि़ता के घर जाने की इजाजत दी जा रही है. एडीजी ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने गाइडलाइंस का उल्लंघन किया. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जातीय दंगे की साजिश का आरोप लगा चुके हैं.