नई दिल्ली/दि. ६ – इंटरनेशलनल मॉटिनरिंग फंड यानी आईएमएफ ( IMF ) ने भारत की ग्रोथ पर भरोसा जताते हुए अनुमान लगाया है कि 2021 में भारत की जीडीपी 12.5 फीसदी रह सकती है. ये तब है जब भारत समेत पूरी दुनिया की इकोनॉमी रिकवरी मोड में आ रही है. वहीं इससे पहले आईएमएफ के प्रवक्ता गेरी राइस भी कह चुकी है कि भारतीय अर्थव्यवस्था सुधार की राह पर है और 2020 की चौथी तिमाही में वास्तविक जीडीपी (GDP) ग्रोथ फिर से सकारात्मक हो सकती है. ऐसा महामारी की शुरुआत के बाद पहली बार होगा, और यह सकल, स्थिर पूंजी निर्माण में बढ़ोतरी के कारण संभव हो सकेगा.
दरअसल कोरोना काल के दौरान भारत समेत पूरी दुनिया की जीडीपी ( चीन को छोड़कर ) निगेटिव में चली गई थी. लेकिन भारत ने तेजी से रिकवरी करते हुए बीते तिमाही में पॉजिटिव जीडीपी हासिल की थी. जीडीपी की ग्रोथ में जो फैक्टर्स काम करते हैं वो हैं पीएमआई व्यापार और गतिशीलता सहित हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स लगातार सुधार के संकेत दे रहे हैं. हालांकि, हाल में आए वेरिएंट और स्थानीय स्तर पर लागू होने वाले लॉकडाउन के चलते जोखिम भी पैदा हुए हैं.
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मूडीज भी जता चुका है भारत पर भरोसा
इससे पहले रेटिंग एजेंसी मूडीज भी कह चुकी है कि भारत में अंकुशों में ढील के बाद देश और विदेश की मांग सुधरी है. इससे हालिया महीनों में विनिर्माण उत्पादन बढ़ा है. मूडीज ने कहा, हमारा अनुमान है कि निजी खपत और गैर निवासी निवेश में अगले कुछ तिमाहियों में बढ़ोतरी होगी, जिससे 2021 में घरेलू मांग में सुधार होगा. मूडीज का अनुमान है कि 2021 के कैलेंडर साल में जीडीपी की वास्तविक वृद्धि दर 12 प्रतिशत रहेगी.
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गीता गोपीनाथ कर चुकी है भारत की तारीफ
इससे पहले मार्च में भी IMF चीफ भारत की तारीफ कर चुकी है. उन्होंने कहा था कि भारत ने कोविड-19 संकट के दौरान इस महामारी से बचाव के लिए टीके का विनिर्माण करने और उसे कई देशों में भेजने में बहुत अहम भूमिका निभाने को लेकर भी भारत की तारीफ की. गोपीनाथन ने यह टिप्पणी डॉ हंसा मेहता व्याख्यान के दौरान की. इसका आयोजन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर किया गया था.
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वैक्शीनेशन की भी तारीफ
IMF चीफ गीता गोपीनाथ ने न केवल भारत की इकोनॉमी इंडिकेटर्स बल्कि कोरोना वैक्शीनेशन को लेकर हो रहे काम की भी तारीफ की थी. गोपीनाथ के मुताबिक कोविड वैक्शीनेशन के संबंध में भारत ने वास्तव में उल्लेखनीय कार्य किया है. जब आप देखेंगे कि दुनिया में टीका निर्माण का केंद्र कहां है, तो यह भारत में मिलेगा. गोपीनाथन ने सीरम इंस्ट्टीयूट ऑफ इंडिया, पुणे की तारीफ करते हुए कहा कि उसने दुनिया में टीके की सबसे ज्यादा खुराकें बनाई और इनकी आपूर्ति कोवैक्स को की और फिर दुनियाभर के देशों को यह वितरित की गई.