महाराष्ट्र में हर चौथी महिला यौन हिंसा की शिकार
2015-16 के मुकाबले 2019-21 में अधिक महिलाओं ने हिंसा सही
-
25.2 फीसदी महिलाओं को पति की हिंसा का शिकार होना पडा
नई दिल्ली/दि.4 – महाराष्ट्र में हर चौथी महिला अपने ही पति द्बारा घरेलू या यौन हिंसा की शिकार हुई है. हैरानी की बात यह है कि, पिछले वर्षों के मुकाबले राज्य में इस मामले में स्थिति खराब हुई है. हालांकि, कर्नाटक, बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, तेलंगना और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के मुकाबले महाराष्ट्र में महिलाओं की स्थिति कुछ बेहतर है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकडों के अनुसार राज्य में 2019-21 के दौरान 25.2 फीसदी महिलाओं को पति की हिंसा का शिकार होना पडा, जबकि इससे पहले 2015-16 के दौरान राज्य में ऐसी महिलाओं का आंकडा 21.3 फीसदी था.
ताजा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के मुताबिक गांवों के मुकाबले शहरी इलाकों में कम महिलाएं पति की हिंसा की शिकार हुई. महाराष्ट्र में ग्रामीण इलाकों में जहां 28.6 फीसदी महिलाओं को किसी न किसी रुप में पति की हिंसा झेलनी पडी. वहीं, शहरी इलाकों में ऐसी महिलाओं का आंकडा 21 फीसदी था.
सर्वे के अनुसार 18 से 49 वर्ष आयुवर्ग में कर्नाटक (44.4 फीसदी), बिहार (40 फीसदी), मणिपुर (39.6 फीसदी) और तमिलनाडु (38.1 फीसदी) में सर्वाधिक महिलाओं को कभी न कभी पति की हिंसा की शिकार बनना पडा. इसके बाद तेलंगना (36.9 फीसदी), उत्तरप्रदेश (34.8 फीसदी), असम (32 फीसदी) और झारखंड (31.5 फीसदी) में महिलाएं हिंसा की शिकार हुई.
शहरों के मुकाबले गांवों में महिलाएं ज्यादा पीडित
देशभर में पति की हिंसा की शिकार होने वाली महिलाओं का आंकडा 29.3 फीसदी रहा. शहरों में 24.2 फीसदी और गांवों मेें 31.6 फीसदी शादीशुदा महिलाएं पति की पिटाई या यौन हिंसा का शिकार होना पडा. 2015-16 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे में देशभर ऐसी महिलाओं के 31.2 के आंकडे के मुकाबले 2019-21 में 1.9 फीसदी की कमी हुई. हालांकि, इन राज्यों में से केवल कर्नाटक, असम और महाराष्ट्र में हिंसा की शिकार होने वाली महिलाओं की संख्या में ही पिछले सर्वे के मुकाबले बढोत्तरी हुई. कर्नाटक में ऐसी महिलाओं का आंकडे में 23.8 फीसदी, असम में 7.5 फीसदी और महाराष्ट्र में 3.9 फीसदी की बढोत्तरी हुई.