* सरकार के खिलाफ झूठी खबरों पर अंकुश
दिल्ली/दि.21– सोशल मीडिया, डिजिटल माध्यम में झूठी खबरें, अफवाहों पर लगाम लगाने केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय पीआईबी ने फैक्ट चेक यूनिट अर्थात तथ्य जांच विभाग स्थापित किया है. तकनीकी व सूचना मंत्रालय ने बुधवार को इस बारे में अधिसूचना जारी की. इस बीच एडिटर्स गिल्ड इंडिया ने केेंद्र सरकार के निर्णय की आलोचना की है. इसे सरकार की सेंसरशिप बताया है.
* पिछले साल बदले नियम
केंद्र सरकार ने सूचना व तकनीकी कानून में पिछले वर्ष नियम बदल दिये. 2023 की संशोधित नियमावली के अनुसार आईटी कानून 2021 में संशोधन कर उसमें नये नियमों का समावेश किया गया. जिसमें पीआईबी तथ्य जांच विभाग स्थापित करने का प्रस्ताव आया.
* क्या करेगा यह विभाग
पीआईबी का तथ्य जांच विभाग सोशल मीडिया और वेबसाइट से निगरानी करेगा. न्यूज फेक रहने पर संबंधित प्लेटफार्म, वेबसाइट को नोटीस दी जाएगी. तथ्य जांच विभाग में कोई कंटेन्ट फेक न्यूज के रुप में घोषित करने और तत्काल वह समाचार या कंटेन्ट हटाना पडेगा.
* कानूनी कार्रवाई होगी
सरकार के खिलाफ कोई गलत या संभ्रम पैदा करने वाले समाचार रहने पर फेसबुक, ट्विटर, गूगल पर रहने पर पीआईपी उसकी तथ्य जांच करेगी. फिर वह समाचार हटाने कहा जाएगा. यह कंटेंट न हटाने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पडेगा.
* एडिटर्स गिल्ड ने किया विरोध
समाचार पत्र और मीडिया के संगठन एडिटर्स गिल्ड इंडिया ने केंद्र सरकार के निर्णय को लोकतंत्र विरोधी बताया है. कोई समाचार अथवा रिपोर्ट फेक (झूठी) अथवा अपप्रचार घोषित कर उसे ऑनलाइन रुप से हटाने के लिए कहना लोकशाही नहीं रहने की बात एडिटर्स गिल्ड के अध्यक्ष अनंत नाथ ने कही. उन्होंने कहा कि, यह केवल सेंसरशिप है. इसके विरोध में याचिका दाखिल की गई है.