फास्टैग से रोजाना हो रहा १०० करोड़ रुपयों का टोल कलेक्षन
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की जानकारी
नई दिल्ली/दि.२२– फास्टैग के जरिए हर दिन होने वाले औसत टोल कलेक्शन की राशि 100 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को इसकी जानकारी राज्यसभा को दी. मालूम हो केंद्र सरकार ने 15 फरवरी की रात से FAStag अनिवार्य कर दिया था. वहीं जो इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे उनसे दोगुना तक टोल टैक्स वसूलने के निर्देश भी पूरे भारत में चल रहे इलेक्ट्रॉनिक टोल प्लाजा को दिए थे.
16 मार्च 2021 तक तीन करोड़ से ज्यादा FAStag जारी किए गए हैं. वहीं हर दिन इनसे होने वाला टोल टैक्स कलेक्शन भी 100 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. यह आंकड़ा 1 मार्च 2021 से 16 मार्च तक का है. गडकरी ने कहा कि सरकार ने स्न्रस्ह्लड्डद्द को सभी एम और एन कैटेगिरी के मोटर व्हीकल में 1 जनवरी 2021 से अनिवार्य कर दिया था, जिसके लिए सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट 1989 में संसोधन किया गया.
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क्या होते हैं M और N कैटिगिरी के वाहन
M कैटेगिरी से तात्पर्य उन वाहनों से होता है जिसमें कम से कम चार पहिये हो और जो यात्रियों को ले जाने के लिए इस्तेमाल में हो. वहीं हृ से मतलब भी उन वाहनों से है जिनमें न्यूनतम चार पहिये हो लेकिन इनका प्रयोग सामान व माल ढोने या व्यक्ति के साथ माल ढोने के लिए हो.
गडकरी ने कहा कि डिजिटल मोड के माध्यम से शुल्क भुगतान को बढ़ावा देने का उद्देश्य टोल नाकों पर लगने वाले जाम को दूर करना, पारदर्शिता बढऩा , और वाहनों के देर तक अपनी बारी आने तक खड़े रहने से वहां होने वाले प्रदूषण को कम करना है जिसके चलते सरकार ने सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा पर FAStag से ही भुगतान अनिवार्य कर दिया है.
दोगुना शुल्क वसूलने का है प्रावधान
वाहनों FAStag का होना केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 के तहत अनिवार्य है. वहीं जिस वाहन में FAStag नहीं होगा उनसे दो गुना शुल्क बतौर दंड वसूलने का प्रावधान भी किया है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर उपयोगकर्ता शुल्क राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम 2008 के अनुसार एकत्र किया जाता है.
अगले साल जीपीएस लाने की तैयारी
केद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 18 मार्च को टोल प्लाजा को लेकर बड़ा ऐलान किया था. लोकसभा में नितिन गडकरी ने बताया था कि अगले एक साल में देश से सभी टोल प्लाजा खत्म कर दिया जाएगा. हालांकि इसका यह मतलब नहीं होगा कि टोल देना ही नहीं पड़ेगा. अब गाडिय़ों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा, जिसकी मदद से टोल शुल्क का भुगतान हो सकेगा.