नई दिल्ली/दि.२३– पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल से झटका, लगा है. पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रहेगा. दरअसल, पाकिस्तान एफएटीएफ की कार्य योजना के 27 लक्ष्यों में से छह का अनुपालन करने में असफल रहा है.
आतंकवाद के वित्तपोषण और धन शोधन को रोकने एवं निगरानी करने वाली पेरिस से संचालित संस्था की डिजिटल माध्यम से वार्षिक बैठक हुई. जिसमें 27 बिंदुओं की कार्य योजना की समीक्षा की गई.
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को जून 2018 में ‘ग्रे’ सूची में डाला था और इस्लामाबाद को धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने की 27 बिंदुओं की कार्य योजना को वर्ष 2019 के अंत तक लागू करने को कहा था. कोविड महामारी की वजह से इस मियाद में वृद्धि कर दी गई.
गौरतलब है कि कर्ज से दबे पाकिस्तान ने एफएटीएफ की ग्रे सूची से निकलने की कोशिश के तहत अगस्त महीने में 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके नेताओं पर वित्तीय पाबंदी लगाई थी. इनमें मुंबई हमले का सरगना और जमात-उद दावा प्रमुख हाफिज सईद, जैश-ए-मुहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम भी शामिल है.
पाकिस्तान के ग्रे सूची में बने रहने से उसके लिए विश्व मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से वित्तीय मदद हासिल करना और मुश्किल हो जाएगा.