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हमें केंद्र सरकार से डरना है या लडऩा यह फैसला करना चाहिए

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा

नई दिल्ली/दि.२६– यूपीए के मुख्यमंत्रियों और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के साथ कांग्रेस (Congress) अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने आज बैठक ली. गैर भाजपा (BJP) शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि जीएसटी पर राज्यों को क्षतिपूर्ति देने से इनकार किया जाना मोदी सरकार द्वारा राज्यों के लोगों से छल के अलावा और कुछ नहीं.
इस बैठक में महाराष्ट्र और झारखंड के सीएम भी शामिल हुए. जिसमें कुल सात राज्य के मुख्यमंत्री बैठक का हिस्सा बने. इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने गैर भाजपा दलों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में कहा कि हमें फैसला करना चाहिए कि हमें केंद्र सरकार से डरना है या लडऩा है. वहीं सोनिया गांधी ने जीएसटी परिषद की बैठक से एक दिन पहले बुधवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार की ओर से माल एवं सेवा कर (GST) से जुड़ा मुआवजा देने से इनकार करना राज्यों और जनता के साथ छल है. सोनिया ने पार्टी शासित चार राज्यों और महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के मुख्यमंत्रियों के साथ डिजिटल बैठक में यह दावा भी किया कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के प्रगतिशील, धर्मनरिपेक्ष और वैज्ञानिक मूल्यों के लिए झटका है. उन्होंने यह दावा भी किया कि केंद्र सरकार एकतरफा उपकर लगाकर मुनाफा कमा कर रही है और राज्यों के साथ मुनाफा साझा नहीं किया जा रहा है. नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति से हमें चिंतित होना चाहिए. यह प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष और वैज्ञानिक मूल्यों के लिए निश्चित तौर पर झटका है. उल्लेखनीय है कि जीएसटी कानून के तहत, इसके लागू होने के बाद के 5 साल तक राज्यों को होने वाले किसी भी कर नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार को करनी है. राजस्व में इस कमी की गणना यह कल्पना करके की जाती है कि राज्य के राजस्व में सालाना 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, जिसके लिए आधार वर्ष 2015-16 रखा गया है.

  • नीट और जेईई की परीक्षाएं स्थगित की जाएं

सोनिया गांधी के साथ डिजिटल बैठक (Digital meeting) में सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को देखते हुए मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए ली जाने वाली नीट और जेईई (JEE) की परीक्षाएं स्थगित होनी चाहिए. बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि इन परीक्षाओं को रोकने के लिए राज्यों को उच्चतम न्यायालय का रुख करना चाहिए. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि न्यायालय जाने से पहले मुख्यमंत्रियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर परीक्षाओं को टालने की मांग करनी चाहिए। जीएसटी के मुआवजे की मांग से जुड़े मुद्दे पर हुई इस बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि सभी राज्य सरकारों से आग्रह है कि हालात के सामान्य होने तक इन परीक्षाओं को स्थगित कराने के लिए उच्चतम न्यायालय में जाना चाहिए. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी इसका समर्थन किया और कहा कि सितंबर में कोरोना के मामले और बढ़ सकते हैं, ऐसी स्थिति ये परीक्षाएं कैसे कराई जा सकती हैं?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सवाल किया कि आज कोरोना फैल रहा है और संकट बढ़ गया है तो परीक्षाएं कैसे ले सकते हैं? राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने भी इन परीक्षाओं को स्थगित करने की पैरवी की. गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मेन) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) तय कार्यक्रम के अनुसार सितंबर में ही आयोजित की जाएंगी.

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