‘ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष महेश्वरी के खिलाफ दर्ज करें केस’
NCPCR ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को लिखा पत्र
नई दिल्ली/दि. 5 – राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्ट मनीष महेश्वरी और पॉलिसी मैनेजर शगुफ्ता कामरान के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस को पत्र लिखा है. यह शिकायत एक ट्वीट को लेकर की गई है, जिसमें एक बच्चा हवा में फायरिंग करता हुआ नजर आ रहा है और 4-5 लोग उसे बंदूक के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.
NCPCR ने जम्मू-कश्मीर डीजीपी दिलबाग सिंह को पत्र में लिखा है, “आयोग को शिकायत मिली है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वीडियो बच्चे का इस्तेमाल कर गैरकानूनी आतंक गतिविधि का समर्थन और प्रचार करता है. और साथ ही आतंकी संगठनों को ट्विटर के इस्तेमाल से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों में भर्ती के कामों में मदद कर रही है. वीडियो को देखने के बाद पता चलता है कि उसमें मौजूद अन्य लोग आतंकी संगठन से जुड़े मालूम होते हैं और आतंकी गतिविधियों के लिए बच्चे को ट्रेनिंग दे रहे हैं.”
आयोग के मुताबिक, शिकायकर्ता ने NCPCR को लिखा है कि ट्विटर अंसार गजवात-उल-हिंद जैसे आतंकी संगठनों के समर्थकों को भारत के खिलाफ बच्चों का इस्तेमाल कर आतंकी भर्ती करने जैसी गतिविधियों के वीडियो को अपने प्लेटफॉर्म पर अनुमति दे रहा है. NCPCR ने अपने पत्र में लिखा, “वीडियो में प्राथमिक रूप से बाल अधिकार के उल्लंघन को देखते हुए आयोग ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण कानून 2005 की धारा 13 (1) (j) के तहत संज्ञान लिया है.”
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टेलीग्राम के खिलाफ भी हो कार्रवाई- आयोग
एनसीपीसीआर ने जम्मू कश्मीर को पुलिस को लिखा है कि वे इन शिकायतों की जांच करें और वीडियो की ओरिजिन का पता करें. साथ ही इसका पता लगने पर संबंधित धाराओं के तहत एक FIR भी दर्ज की जाए. पत्र के मुताबिक, “अगर वीडियो आपके क्षेत्राधिकार से बाहर का हो, तो उसी दिन आयोग को सूचित करें ताकि आयोग मामले में उचित कार्रवाई कर सके.”
आयोग ने पत्र में यह भी लिखा है कि ऐसे पोस्ट और वीडियो जनहित और भारत की संप्रभुता के लिए खतरा हैं. आयोग के पत्र के अनुसार, “ऐसे पोस्ट और वीडियो का सर्कुलेशन चिंता का विषय है क्योंकि ट्विटर की पॉलिसी 13 साल से अधिक उम्र के बच्चों को उसके प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल की इजाजत देती है. इस वीडियो को एक टेलीग्राम ग्रुप में भी शेयर किया गया. ऐसे कंटेंट को पोस्ट करने की अनुमति देने के लिए ट्विटर पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. इस तरह के पोस्ट की अनुमति देकर ट्विटर ने नए आईटी नियम-2021, आईटी एक्ट, 2000 की धारा 79 का उल्लंघन किया है.”
आयोग ने कहा कि जहां तक उसे पता है, ट्विटर ने नए आईटी नियमों के तहत अब तक अनुपालन अधिकारी, नोडल शिकायत अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है, इसलिए इसका अर्थ है कि ट्विटर को भारत में इंटीमीडियरी का दर्जा हासिल नहीं है. एनसीपीसीआर ने मामले में टेलीग्राम के खिलाफ भी जरूर कार्रवाई करने का और जम्मू-कश्मीर पुलिस को 7 दिनों के अंदर कार्रवाई की रिपोर्ट भेजने का अनुरोध किया है.
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ट्विटर ने खोया इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म का दर्जा
नए आईटी नियमों को नहीं मानने के बाद ट्विटर ने भारत में इंटरमीडियरी प्लेटफार्म को मिलने वाली छूट का हक खो दिया है और यूजर्स के किसी भी तरह की गैरकानूनी सामग्री डालने पर वह उसकी जिम्मेदार होगी. भारत में इंटरमीडियरी का दर्जा खोने से कथित गैरकानूनी कंटेंट डाले जाने के किसी भी आरोप की स्थिति में ट्विटर को उसका प्रकाशक माना जाएगा और कानूनों के तहत उसे सजा दी जा सकती है.
इससे पहले 29 जून को दिल्ली पुलिस ने बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री पोस्ट करने की अनुमति देने के आरोप में ट्विटर के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी. यह केस भी एनसीपीसीआर की ओर से एक शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी. अधिकारी ने बताया था कि भारतीय दंड संहिता (IPC), यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा कानून (POCSO) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया. एक पत्र में आयोग ने दिल्ली पुलिस से ट्विटर के खिलाफ मामला दर्ज करने को कहा था.