नई दिल्ली/दि. 19 – केंद्र सरकार ने शनिवार को राज्य सरकारों से डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले में शामिल लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने और सख्त महामारी (संशोधन) कानून, 2020 के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. कोविड-19 महामारी के दौरान देश के अलग-अलग हिस्से में डॉक्टरों और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोगों पर हमले की कई घटनाओं के बीच केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों पत्र लिखकर उन्हें सुरक्षा मुहैया करने को कहा है.
राज्य के मुख्य सचिवों और केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासकों को पत्र में अजय भल्ला ने लिखा है, “आप इस बात से सहमत होंगे कि डॉक्टरों या स्वास्थ्य पेशेवरों पर धमकी या हमले की कोई भी घटना उनके मनोबल को कम कर सकती है और उनमें असुरक्षा की भावना पैदा कर सकती है. इससे स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.” उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में यह जरूरी हो गया है कि स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
गृह सचिव ने कहा कि इससे पहले कई एडवाइजरी में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सुझाव दिए गए थे. जिसके तहत अस्पतालों खासकर कोविड-19 अस्पतालों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए. उन्होंने आगे लिखा, “हमलावरों के खिलाफ FIR दर्ज की जानी चाहिए और ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई होनी चाहिए. आप स्थिति के हिसाब से महामारी (संशोधन) कानून, 2020 के प्रावधानों को भी लागू कर सकते हैं.”
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‘सोशल मीडिया कंटेंट पर निगरानी करे सरकार’
इस कानून के अनुसार, डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले में शामिल किसी भी व्यक्ति को 5 साल तक की कैद और 2 लाख रुपए तक के जुर्माने की सजा हो सकती है. इसके अलावा, यदि किसी स्वास्थ्यकर्मी को हिंसा की कार्रवाई से गंभीर नुकसान होता है, तो अपराध करने वाले व्यक्ति को 7 साल तक की कैद और 5 लाख रुपए तक के जुर्माने की सजा हो सकती है. ये अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे.
भल्ला ने कहा, “मैं यह भी दोहराना चाहूंगा कि सोशल मीडिया के आपत्तिजनक कंटेंट पर भी कड़ी नजर रखी जाए. कोविड-19 से निपटने में डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा किए जा रहे बहुमूल्य योगदान के बारे में बताने के लिए अस्पतालों, सोशल मीडिया आदि में पोस्टर के माध्यम से ठोस प्रयास किए जाने चाहिए.”
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IMA का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन
हाल में जम्मू-कश्मीर, असम, कर्नाटक और दूसरे राज्यों में भी हेल्थकेयर वर्कर्स पर हमले किए गए. शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा की हालिया घटनाओं को लेकर और ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय कानून की मांग को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया था. आईएमए ने एक बयान में कहा कि 3.5 लाख डॉक्टरों ने उचित कोविड प्रोटोकॉल के साथ इस प्रदर्शन में भाग लिया.
बयान में कहा गया था, “पूरे देश में, हर राज्य में, विभिन्न अस्पतालों में, डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों ने काला बैज, रिबन और काली शर्ट पहनी और ‘सेव द सेवियर्स’ के नारे लगाए और सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें अपलोड कीं.” IMA ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा, जिनमें उनसे स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले को रोकने के लिए उचित कार्रवाई का अनुरोध किया गया.