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भारत में वैक्सीन से पहली मौत

सरकार बोली मौत का ख़तरा 'नगण्य'

नई दिल्ली/दि. 15 – कोविड वैक्सीन से होने वाले दुष्प्रभावों की जांच कर रहे एक सरकारी पैनल ने वैक्सीनेशन के बाद एक मौत होने की पुष्टि की है. वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीनेशन से होने वाली मौत की ख़बरों को अधूरी और कम जानकारी वाला बताया है और कहा है कि वैक्सीन से ख़तरा कोरोना से ख़तरे की तुलना में कुछ भी नहीं है. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार एक सरकारी पैनल ने माना है कि कोरोना वैक्सीन लेने वाले एक बुज़ुर्ग की मौत ऐनाफिलेक्सिस नाम के रिएक्शन से हुई थी. इस पैनल ने 31 लोगों में कोविड-19 वैक्सीन लेने के बाद गंभीर दुष्प्रभावों की जांच की है. समिति की रिपोर्ट के मुताबिक 8 मार्च, 2021 को वैक्सीन लेने के बाद 68 साल के एक शख़्स की मौत ऐनाफिलेक्सिस से हो गई. ऐनाफिलेक्सिस एक गंभीर एलर्जिक रिएक्शन है जिसके वैक्सीन लगवाने के बाद कुछ मामले सामने आए हैं. एईएफआई समिति के अध्यक्ष डॉक्टर एनके अरोड़ा ने पीटीआई को बताया, “कोविड-19 वैक्सीनेशन से जुड़ी ऐनाफिलेक्सिस के कारण ये पहली मौत है. इस घटना से इस बात की ज़रूरत महत्वपूर्ण हो जाती है कि टीका लेने के बाद टीका केंद्र पर 30 मिनट इंतज़ार किया जाए. ऐनाफिलेक्सिस के अधिकतर रिएक्शन इस दौरान आ सकते हैं और तुरंत इलाज देकर मौत होने से रोकी जा सकती है.”

  • 31 मामलों की जांच

समिति ने 5 फरवरी को आए ऐसे पांच मामले, नौ मार्च को आए आठ मामले और 31 मार्च को आए 18 मामलों की जांच की है. रिपोर्ट बताती है कि अप्रैल में आए आंकड़ों के मुताबिक वैक्सीन लेने वाले प्रति दस लाख लोगों में मौत का आंकड़ा 2.7 है. वहीं प्रति दस लाख लोगों में से 4.8 को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. हालांकि, समिति का ये भी कहना है कि वैक्सीन लेने के बाद अस्पताल में भर्ती होने या मौत होने के मामले सामने आने का मतलब ये नहीं है कि ये सभी वैक्सीन के कारण हुए हैं. केवल पूरी तरह जांच और आकलन के बाद ही वैक्सीन और गंभीर दुष्प्रभाव के बीच संबंध पता लगाया जा सकता है ऐनाफिलेक्सिस के 31 मामलों में से 18 को आकस्मिक की श्रेणी में रखा गया है यानि की उनका वैक्सीनेशन से कोई संबंध नहीं है. सात मामलों को अनिश्चित की श्रेणी में, तीन मामलों को वैक्सीन उत्पाद से संबंधित दुष्प्रभाव की श्रेणी में, एक को एन्गज़ाइटी से जुड़ी और दो को किसी भी श्रेणी में नहीं रखा गया है.

  • क्या है इन श्रेणियों का मतलब

समिति के मुताबिक वैक्सीन उत्पाद से जुड़े रिएक्शन ऐसे अपेक्षित रिएक्शन होते हैं जिनके लिए मौजूदा वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर वैक्सीनेशन को जिम्मेदार माना जा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे रिएक्शंस के उदाहरण हैं एलर्जिक रिएक्शन और ऐनाफिलेक्सिस आदि. अनिश्चित रिएक्शन वो होते हैं जो वैक्सीनेशन के तुरंत बाद सामने आते हैं लेकिन मौजूदा लिटरेचर और क्लीनिकल डाटा में ऐसा कोई निश्चित साक्ष्य नहीं है कि ये रिएक्शन कोविड वैक्सीन की वजह से हुए हैं. इसके लिए और ज़्यादा जांच, विश्लेषण और अध्ययन की ज़रूरत है. ऐनाफिलेक्सिस के दो अन्य मामलों में 16 और 19 जनवरी को वैक्सीन दी गई थी. दोनों को ही अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा और वो बाद में ठीक हो गए. अवर्गीकृत मामले वो होते हैं जिनकी जांच पूरी करने के लिए पर्याप्त महत्वपूर्ण सूचना मौजूद नहीं हैं. जब वो सूचना मिल जाएगी तो जांच की जाएगी. आकस्मिक मामले होते हैं जिनमें वैक्सीनेशन के बाद गंभीर दुष्प्रभाव नज़र आता है लेकिन जांच में उसके पीछे स्पष्ट तौर पर कोई और कारण पाया जाता है. हालांकि, पैनल का कहना है कि वैक्सीन के फायदे उससे होने वाले दुष्प्रभावों के छोटे ख़तरे से कहीं ज़्यादा हैं. साथ ही सावधानी के तौर पर सामने आ रहे सभी दुष्प्रभावों पर लगातार नज़र रखी जा रही है और उनकी समय-समय पर समीक्षा हो रही है.

  • वैक्सीन से मौत की ख़बरों पर स्वास्थ्य मंत्रालय की सफ़ाई

वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को ”अपूर्ण” और ”सीमित समझ” वाली करार दिया है जिनमें बताया गया था कि वैक्सीनेशन के बाद 16 जनवरी से 7 जून के बीच हुईं 488 मौतें कोविड के बाद की दिक्कतों से जुड़ी थीं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पर भी जोर दिया कि इस दौरान 23.5 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका था. वैक्सीन लेने वाले 23.5 करोड़ लोगों में मौत का आंकड़ा 0.0002 प्रतिशत है और ये आंकड़ा एक आबादी में होने वालीं अपेक्षित मौतों के अंदर है. मंत्रालय ने बताया कि एक आबादी में, मृत्यु की एक निश्चत दर होती है. एसआरएस डाटा के मुताबिक साल 2017 में मृत्यु दर प्रति एक हज़ार व्यक्तियों पर 6.3 थी. ये भी महत्वपूर्ण और प्रासंगिक है कि कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु दर एक प्रतिशत से ज़्यादा है और वैक्सीनेशन इन मौतों को रोक सकता है. मंत्रालय ने कहा, ”इसलिए कोविड-19 से होने वाली मौतों के मुक़ाबले वैक्सीनेशन से मौत होने का ख़तरा नगण्य है.’

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