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फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह को राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

खेल मंत्री, पंजाब के राज्यपाल रहे मौजूद

नई दिल्ली/दि. 19 – भारत के महान धावक और फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह (Milkha Singh) को शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. मिल्खा सिंह का शुक्रवार को 91 साल की उम्र में चंड़ीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में कोविड-19 के चलते निधन हो गया था जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी थी. मिल्खा सिंह का चंड़ीगड़ के सेक्टर 25 स्थित श्मशान घाट में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें पुलिस दल ने महान एथलीट को तोपों की सलामी दी. उनके बेटे और अंतरराष्ट्रीय गोल्फर जीव मिल्खा सिंह ने अपने पिता की चिता को अग्नि दी.
पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर, केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इससे पहले यहां सेक्टर 8 स्थित उनके आवास पर जाकर उनके निधन पर संवेदना प्रकट की. मुख्यमंत्री ने दिवंगत एथलीट की जवाहरलाल नेहरू के साथ की तस्वीर जीव मिल्खा सिंह को सौंपी. पंजाब सरकार ने इससे पहले महान एथलीट के सम्मान में एक दिन का राजकीय शोक और सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था. अमरिंदर सिंह ने घोषणा की थी कि पंजाब सरकार मिल्खा सिंह का राजकीय अंतिम संस्कार करेगी.
मुख्यमंत्री ने महान एथलीट की स्मृति में पटियाला में महाराजा भूपिंदर सिंह पंजाब स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में मिल्खा सिंह चेयर की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि मिल्खा सिंह का निधन पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है और सभी के लिए एक दुखद क्षण है. मिल्खा सिंह का 400 मीटर का नेशनल रिकॉर्ड 38 साल तक कायम रहा था, जिसे परमजीत सिंह ने 1998 में एक घरेलू प्रतियोगिता में तोड़ा था. सिंह के परिवार में तीन बेटियां डॉ मोना सिंह, अलीजा ग्रोवर, सोनिया सांवल्का और बेटा जीव मिल्खा सिंह हैं. गोल्फर जीव, जो 14 बार के अंतरराष्ट्रीय विजेता हैं, भी अपने पिता की तरह पद्म श्री पुरस्कार विजेता हैं.

मिल्खा सिंह को 3 जून को पीजीआई में भर्ती कराया गया था. इससे पहले उनका घर पर ही इलाज चल रहा था लेकिन ऑक्सीजन लेवल कम होने पर अस्पताल ले जाया गया. हालांकि वे बुधवार को कोरोना नेगेटिव आ गए थे. इसके बाद उन्हें कोविड आईसीयू से सामान्य आईसीयू में भेज दिया गया था. लेकिन इस बीमारी के चलते हुई जटिलताओं के कारण उनकी हालत गंभीर हो गई थी. इसके तहते शुक्रवार को उनका ऑक्सीजन स्तर कम हो गया था और बुखार आया था. अस्पताल के सूत्रों ने बताया था कि उनकी हालत गंभीर हो गई थी. पांच दिन पहले मिल्खा की पत्नी, भारत की पूर्व वॉलीबॉल कप्तान, निर्मल कौर का भी मोहाली के एक निजी अस्पताल में कोरोना से निधन हो गया था.

  • प्रधानमंत्री ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिल्खा सिंह के निधन पर शोक जताया है. पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ” मिल्खा सिंह जी के निधन से हमने एक महान खिलाड़ी को खो दिया, जिनका असंख्य भारतीयों के ह्रदय में विशेष स्थान था. अपने प्रेरक व्यक्तित्व से वे लाखों के चहेते थे. मैं उनके निधन से आहत हूं.”
उन्होंने लिखा, ” मैंने कुछ दिन पहले ही मिल्खा सिंह जी से बात की थी. मुझे नहीं पता था कि यह हमारी आखिरी बात होगी. उनके जीवन से कई युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी. उनके परिवार और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों को मेरी संवेदनाएं.”

  • ऐसा रहा करियर

मिल्खा ने एशियाई खेलों में चार बार स्वर्ण पदक जीता है और 1958 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता था. हालांकि, 91 वर्षीय धावक को 1960 के रोम ओलिंपिक के 400 मीटर फाइनल में उनकी शानदार रेस के लिए याद किया जाता है जहां वे मामूली अंतर से पदक से चूक गए थे और चौथे स्थान पर रहे थे. उन्होंने 1956 और 1964 के ओलिंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है और उन्हें 1959 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. मिल्खा सिंह पर बॉलीवुड फिल्म भी बनी है, जिसमें उनका किरदार फरहान अख्तर ने निभाया है.

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