नई दिल्ली/दि. 1 – नेशनल लेवल की यदि बात करें तो आईसीएमआर (ICMR) ने तीन सीरो सर्वे किया है. अबतक का पहला 0.7 प्रतिशत और बाद में आहिस्ता से यह बढ़ता चला गया. सेकेंड वेव आई तो हम एक्सपेक्ट करते हैं कि काफी लोगों को इन्फेक्शन हो गया होगा. इसलिए यह भी पता लगाना जरूरी है कि क्या ऐसे लोग हैं जिनके अंदर इम्यूनिटी नहीं बनी है. कोरोना की दूसरी लहर का कहर अब भी जारी है. हालांकी राहत भरी बात यह है कि इस लहर का पीक लगभग निकल चुका है. डॉक्टरों और वैज्ञानिक इस बात के लिए सबको आगाह कर रहे हैं कि थर्ड वेव भी हिन्दुस्तान में आएगी. ऐसे में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय आईसीएमआर की मदद से यह जानने में जुटा है कि कितनी आबादी पर दूसरी लहर का असर हुआ है. इस बार के सीरो सर्वे में बड़ी तादाद में बच्चों को भी शामिल किया गया है. देश में यदि 14000 वयस्कों के साथ 14000 बच्चों को इस सर्वे में शामिल किया जा रहा है. अभी तक के सीरो सर्वे में दस साल के बच्चों को शामिल किया जाता था. इस बार 6 साल की उम्र से अधिक बच्चे को इस सर्वे में शामिल किया जाएगा.
इस बार के सीरो सर्वे में गांवों की बड़ी आबादी को सर्वे में शामिल किया जाएगा. कोविड की दूसरी लहर में यह पाया गया कि गांवों की बड़ी आबादी संक्रमित हुई है. मौतों का भी आंकड़ा गांव में काफी देखा गया. ऐसे में सीरो सर्वे में गांवों की जनसंख्या को ध्यान में रखकर किया जाएगा. सीरो सर्वे में ब्लड सैम्पल लेकर शरीर में एंटीबॉडी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है. सीरो सर्वे के माध्यम से किसी खास आबादी में कितने लोग संक्रमित हुए हैं इसका पता चलता है. इसके अतिरिक्त कितने लोगों के अंदर कोरोना से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बन चुकी है. साथ ही कितने लोगों में एंटीबॉडीज डेवलप हो चुका है इस बात की जानकारी सीरो सर्वे के माध्यम से पता चलता है. एंटीबॉडी प्रसार की जानकारी हासिल करने में भी ये सर्वे मददगार साबित होता है. दिल्ली AIIMS के डॉ संजय राय ने कहा, ‘पॉजिटिविटी रेट, जो अब काफी हद तक कम हो गई है, ये नेचुरल इन्फेक्शन के कारण ज्यादा थी’. डॉ समीरन पांडा ने कहा, ‘एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि चौथा सीरो सर्वे, पहले तीन सर्वेक्षणों से काफी अलग होगा क्योंकि कोरोना संक्रमण के मामलों में इस बार अचानक उछाल आया और पिछले चार महीनों में आबादी के एक वर्ग का वैक्सीनेशन भी किया गया है’.